जीविका दीदियों को विभिन्न योजनों के माध्यम से लाभ पहुँचाना एवं जीविकोपार्जन गतिविधयों से जोड़ना है- मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी

धीरज ।

गया। महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र, बोधगया में जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी राहुल कुमार की अध्यक्षता में एक दिवसीय क्षेत्रीय समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें गया, नवादा, औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर एवं जहानाबाद में कार्यरत जिला परियोजना प्रबंधकों, विषयगत प्रबंधकों एवं इन जिलों के सभी 86 प्रखंडों में कार्यरत प्रखंड परियोजना प्रबंधकों ने भाग लिया है। इस अवसर पर जीविका दीदियों द्वारा निर्मित एवं बिक्री किये जाने वाले उत्पादों जैसे कृत्रिम चूड़ी, पत्तर की मूर्तियों, जूट के बैग, मोबाइल रिपेयरिंग स्टॉल, ग्राहक सेवा केंद्र, नीरा की मिठाई, पोषक आहार वीटामिक्स, जे-वायर्स के सोलर उत्पाद आदि की प्रदर्शनी लगाई गई जसका निरक्षण मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारीयों ने किया है। उन्होंने दीदियों द्वारा निर्मित हस्त शिल्प से जुड़े उप्तादों की तारीफ भी की है। इस मौके पर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी राहुल कुमार ने अधिकारीयों संग समीक्षा करते हुए कहा हमें जीविका दीदियों को विभिन्न योजनों के माध्यम से लाभ पहुँचा जीविकोपार्जन गतिविधयों से जोड़ना है। समाधान यत्रा दौरान बहुत कुछ देखने को मिला है। सभी को निर्देश दिया कि एसएचजी से ऋण के अतिरिक्त पीएमएफएमई योजना के माध्यम से जीविका दीदियों के व्यापार में वृद्धि की दिशा में कार्य करें। इसके साथ ही उन्होंने ख़ुशी व्यक्त करते हुए जानकारी दी कि मुख्यमंत्री, बिहार के द्वारा सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत चयनित अत्यंत निर्धन परिवारों के लिए दो लाख तक की राशि परियोजना के माध्यम से उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। आप उसी अनुरूप योजना बनाकर कर कार्य करें। उन्होंने कहा जीविका के माध्यम से आपको सामाजिक कार्य के क्षेत्र में कार्य करने का सुअवसर मिला है। इसके महत्व को समझे। ये अवसर सभी को नहीं मिलता है।अच्छा कार्य करने वाले प्रखंडों की तारीफ की।गया के सुदूर ग्रामीण प्रखंड मोहरा में अच्छा कार्य करने के लिए प्रखंड परियोजना प्रबंधक मोहरा एवं उनके टीम की तारीफ की है। इसके साथ ही जीविका दीदी की रसोई द्वारा निर्मित भोजन की तारीफ की है।
राज्य परियोजना प्रबंधक समीर कुमार ने कहा कि बिहार के 87 अनुसूचित जाति, अनुसूचित जान जाति आवासीय विद्यालयों में जीविका दीदी की रसोई के मध्यम से भोजन उपलब्ध करना है जिसमें सबसे अधिक 14 एससी, एसटी आवासीय गया जिले में है। जहाँ जल्द से जल्द कार्य शुरू करने की जरुरत है।
महिला सामुदायिक संगठनों के विषय में चर्चा करते हुए जीविका निदेशक राम निरंजन सिंह कहा आपको जीविका के महत्व को समझना पड़ेगा। बिहार में गरीबी उन्मूलन के लिए इससे बेहतर कोई और विकल्प अभी नहीं है। जिस प्रकार जीविका स्वयं सहयता समूहों के माध्यम ग्रामीण महिलाओं के जीविकोपार्जन में वृद्धि के लिए सरकार एवं बैंकों के सहयोग से ऋण उपलब्धता की लगतार बढ़ रही है। आपको इसके लिए और उत्साह से कार्य करना होगा। संगठनों की मजबूती प्रदान करने के लिए जीविका से जुड़े विभन्न कैडरों को आंदोलित करना होगा। सभी परियोजना कर्मियों को भी लगातार स्वयं सहयता समूहों, ग्राम संगठनों एवं संकुल स्तरीय संघों बैठकों में भाग लेना होगा।विशेष कार्य पदाधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि किसी भी परियोजना में नीति निर्माण एक पक्ष होता है।दूसरा उसका प्रबंधन एवं समन्वयन, तीसरा क्रियान्वयन। परियोजना के धरातल पर क्रियान्वयन करने में प्रखंड परियोजना प्रबंधकों की अहम भूमिका है। आज जीविका को पुरे भारत में बेहतर राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का दर्जा मिल रहा है इसमें आप सबकी, विशेष रूप से प्रखंड स्तरीय टीम की अहम भूमिका है। इस कार्यक्रम का आयोजन जिला परियोजना समन्वयन इकाई, गया द्वारा किया गया था ।जिसमें इस प्राधिकारियों के अतिरिक्त विषयगत राज्य परियोजना प्रबंधकों, परियोजना प्रबंधकों, जिला परियोजना प्रबंधकों, जिला स्तरीय विषयगत प्रबंधकों, प्रखंड परियोजना प्रबंधकों एवं अन्य कर्मियों सहित लगभग 300 लोगों ने भाग लिया है।