आपदा प्रबन्धन प्राधिकार सचिव के साथ गया जिलाधिकारी ने की बैठक

धीरज ।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्तर पर आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन संबंधी जन जागरूकता एवं क्षमता वर्धन कार्यक्रम

गया।आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन संबंधी कार्य योजनाओं के क्रियान्वयन के उद्देश्य से कुल 12 जिलों गया, औरंगाबाद, नवादा, सीतामढ़ी, पुर्निया, मुजफ्फरपुर, जमुई, कटिहार, बेगूसराय, बांका, अररिया एवं खगड़िया जिलों के ज़िला पदाधिकारी के साथ बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष उदय कांत मिश्रा, सदस्य मनीष वर्मा और बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव संजय अग्रवाल ने बैठक किया है।
उपाध्यक्ष ने बताया कि वज्रपात एवं ठनका के कारण प्रत्येक वर्ष राज्य में अधिक संख्या में मृत्यु हो रही है। ठनका से हो रही क्षति को कम करने के लिए प्राधिकरण ने एक कार्य योजना बनाई है, जिसके आधार पर अधिकतम प्रभावित 7 जिलों को चिन्हित कर उपरोक्त कार्य योजना को क्रियान्वित कर वज्रपात से मृत्यु दर को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि वज्रपात की दुर्घटनाएं मूल रूप से मानसून के समय ही होती है।
ठनका से बचाव, डूबने से मृत्यु की रोकथाम, भूकंप, सड़क सुरक्षा आदि कार्य हेतु समाज में जागरूकता एवं समुदाय सरकारी, गैर सरकारी कर्मी का क्षमता वर्धन अत्यंत आवश्यक है यह सभी समक्षते है। इसी उद्देश्य से प्राधिकरण ने कार्यक्रम प्रारंभ किया है, जिसके अंतर्गत कुल 12 जिलों को उपरोक्त कार्य हेतु निर्देशित कराई गई है।
सोमवार के बैठक में सभी जिलों के जिला आपदा प्रभारी पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्तर पर आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन संबंधी जन जागरूकता एवं क्षमता वर्धन कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जाना प्रस्तावित है। उक्त कार्यक्रम के अंतर्गत समुदाय, गाँव, पंचायत, प्रखंड, जिला स्तर पर विभिन्न आपदाओं के प्रभाव को कम करने से संबंधित जन जागरूकता हितभागियो का क्षमता वर्धन, डूबने से बचाव संबंधी उपाय, विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम, भूकंप से बचाव की जानकारी इत्यादि के लिए गतिविधिवार कार्य योजना तैयार करते हुए अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करें। गया जिले के समीक्षा के दौरान बताया गया कि पिछले वर्ष अर्थात 2022 में वज्रपात से लगभग 40 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई थी। इस वर्ष गया जिले के कुछ प्रखंडों को चिन्हित किया गया है।जहां वज्रपात की घटनाएं ज्यादा हो रही है। वैसे क्षेत्रों में विशेष रूप से जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। वज्रपात की घटना जिले में मुख्य रूप से मोहनपुर, डोभी, बेला, डुमरिया एवं बाराचट्टी में हुई हैं।
डूबने की घटना जिले में मुख्य रूप से मानपुर, खिजरसराय, नगर, टिकारी एवं मोहनपुर के क्षेत्र में हुई है।अगलगी की घटना जिले में मुख्य रूप से टिकारी, मानपुर एवं गुरुआ के क्षेत्र में हुई है। सड़क दुर्घटना गया जिले में मुख्य रूप से आमस, बाराचट्टी, मानपुर, बेलागंज एवं नगर के क्षेत्रों में हुई है।
आज के इस बैठक में निर्देश दिया गया है कि इन संबंधित घटनाओं वाले क्षेत्रों को विशेष रुप से फोकस करके कार्य योजना तैयार कर जागरूकता कार्यक्रम करवाए।
वज्रपात से सुरक्षा हेतु जिले के वैसे क्षेत्रों जहां वज्रपात की अधिक घटनाएं सामने आ रहे हैं, उन क्षेत्रों में लाइटिंग अरेस्टर तथा सायरन हूटर मशीन लगवाया जा रहा है। इस मशीन का रेडियस 3 से 5 किलोमीटर का दायरा है ताकि खेत खलियान में काम करने वाले किसानों को भी वज्रपात की पूर्व सूचना मिल सके जिससे वह सुरक्षित गंतव्य तक पहुंच सके एवं बज्रपात की घटना से बचाया जा सके।