गयाजी नगर में नल जल योजना की बदहाली: आम जनता की प्यास और प्रशासन की उदासीनता

बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी की महत्वाकांक्षी “नल जल योजना” प्रदेश के प्रत्येक घर तक स्वच्छ पेयजल पहुँचाने का सपना लेकर शुरू की गई थी। इस योजना को “हर घर नल का जल” के रूप में प्रचारित किया गया और इसे मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। लेकिन गया शहर की जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है।गया के शहरी क्षेत्र में आज भी कई ऐसे मोहल्ले हैं जहाँ लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। रामशिला, तेल बिगहा, गवालबीघा, और पीपर पाती जैसे इलाके जो शहर के बीचों-बीच स्थित हैं, वहां या तो पाइपलाइन बिछी ही नहीं है, या जहां बिछी है वहाँ नल 10–15 मिनट से अधिक नहीं चलते। खासकर महादलित बस्तियाँ, जहाँ गरीब वंचित तबका निवास करता है, वहां स्थिति और भी बदतर है।गया शहर धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन की दृष्टि से अंतरराष्ट्रीय पहचान रखता है। यहाँ देश-विदेश से लाखों पर्यटक और श्रद्धालु प्रतिवर्ष आते हैं, विशेषकर बौद्ध धर्म के अनुयायी। ऐसे में पानी जैसी बुनियादी सुविधा का न होना न केवल स्थानीय नागरिकों के लिए पीड़ा का कारण है, बल्कि शहर की छवि को भी धूमिल करता है।
भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के सह प्रभारी डॉ. मनीष पंकज मिश्रा ने इस गंभीर स्थिति को उठाते हुए बुडको (बिहार अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड) और जिला प्रशासन से मांग की है कि वे तुरंत हस्तक्षेप कर इस जल संकट का स्थायी समाधान करें। उन्होंने बताया कि बुडको पर निर्भर तमाम गरीब और दलित परिवारों के लिए यह योजना मात्र कागजों पर ही चल रही है।पूर्व में भी जिला प्रशासन द्वारा बुडको को चेतावनी दी गई थी, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई सुधार नहीं देखा गया। कहीं पाइपलाइन बिछाई गई है लेकिन जलापूर्ति नियमित नहीं है, तो कहीं अब तक नल तक पहुँचाने की व्यवस्था नहीं की गई। यह स्पष्ट रूप से प्रशासनिक लापरवाही और निगरानी की कमी को दर्शाता है।1. सभी मोहल्लों का भौतिक निरीक्षण किया जाए।
2. जिन इलाकों में नल जल योजना अधूरी है, वहां प्राथमिकता के आधार पर कार्य पूर्ण किया जाए।
3. जल आपूर्ति की नियमितता सुनिश्चित हो, विशेषकर गर्मी के मौसम में।
4. बुडको की जवाबदेही तय की जाए और विफलता पर दंडात्मक कार्रवाई हो।
इस योजना का असली मकसद तब ही पूरा होगा जब हर गरीब, दलित और सामान्य परिवार को प्रतिदिन साफ पानी मिलेगा — न कि सिर्फ योजना की घोषणाओं और उद्घाटन के पोस्टरों तक सीमित रहे। गया की पवित्र भूमि और उसकी जनता अब और उपेक्षा सहन नहीं कर सकती। समय आ गया है कि राज्य सरकार, बुडको और जिला प्रशासन मिलकर इस बुनियादी जरूरत को प्राथमिकता दें। मांग करने वालों में पूर्व भाजपा जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद अधिवक्ता पूरी मीडिया प्रभारी संतोष ठाकुर भाजपा जिला कोषाध्यक्ष दीपक पांडे जिला मीडिया प्रभारी रंजीत कुमार सिंह आत्मा नंद पांडे डॉक्टर अजय यादव कौशल कुमार भाजपा के वरिष्ठ नेता गोपाल प्रसाद यादव राजेश कुमार चौधरी संतोष सिंह महेश यादव मंटू कुमार बबलू गुप्ता.