पंडित यदुनंदन शर्मा किसी एक जाति वर्ग के नहीं राष्ट्र के धरोहर थे-डॉक्टर विवेकानंद मिश्रा
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विश्वनाथ आनंद ।
गया( बिहार)- गयाजी धाम स्थित स्थानीय डॉक्टर विवेकानंद पथ गोलबगीचा में राष्ट्रीय आंदोलन के अग्रणी नायकों में एक, पंडित यदुनंदन शर्मा की जन्म -जयंती मनाई गईl भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच के द्वारा आयोजित जयंती का उद्घाटन, विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े महासभा एवं मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर विवेकानंद मिश्रा ने कियाl डॉक्टर मिश्र ने कहा कि यह क्रांतिकारी पंडित जी का दुर्भाग्य है कि अंग्रेजों, क्रूर जमींदारों के शोषण, अमानवीय अत्याचार के खिलाफ गांधी के आह्वान पर वे आंदोलन में कूद पड़े, पर आजाद सरकार ने उन्हें भुला दिया। तत्कालीन गया जिला औरंगाबाद, नवादा, जहानाबाद, अरवल एक ही गया जिले के अंतर्गत थे, तब पं यदुनंदन शर्मा जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चुने गए। वर्तमान अरवल जिले के अपने मंझियामा गांव में ही स्वतंत्रता आंदोलन के मार्ग पर बढ़ने का संकल्प लिया। एक साधारण प्रतिष्ठित शाकद्वीपीय ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए पंडित जी सत्तासुख के लिए नहीं, सही मायने में वंचित उपेक्षित, नंगे भूखे लोगों को अन्याय की मार से बचाने के लिए न्याय दिलाने के लिए ही अत्याचार के विरोध में उनकी आवाज एवं सहयोगी बने। गांव -गांव में घूमकर भारी संख्या में किसान मजदूर वर्ग के लोगों को एकत्रित कर भीषण संग्राम छेड़कर अगरेजों के पिट्ठू जमींदारो को नाको चने चबा दिया। उनके आन्दोलन की कर्मभूमि रहे नेयामतपुर जहां पं नेहरू, डा .राजेंद्र प्रसाद सरीखे देश के बड़े- बडे नेतागण उनसे आशीर्वाद मार्गदर्शन प्राप्त करने आते थे। किंतु उनका सही मूल्यांकन आज तक नहीं किया गया। जबकि पीढ़ी दर पीढ़ी को प्रेरणा और प्रोत्साहन देने वाले, निस्वार्थ जीवन का होम करने वाले, मानवसेवा का ही अपना धर्ममानने वाले, क्रूर यातना को सहकर भी कभी झुके नहीं, टूटे नहीं। आज जन्म-दिवस पर हम सब श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैंl
बिहार के सम्मानित साहित्यकार राधामोहन मिश्र ने कहा की काश! आज उनके सपनों का भारत बना होता तो,समाज में समता सहिष्णुता नैतिकता के सिद्धांत ब्यबहारिक धरातल पर दृष्टिगोचर होता। उनके प्रेरणा दायक विचारो को आगे बढ़ाने का संकल्प ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालो में नेत्र रोग विशेषज्ञ प्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर (कर्नल)अशोक कुमार झा, डॉ वीएन पांडेय रूबी कुमारी डॉ अनिता कुमारी अमरनाथ पांडे डॉ रविंद्र कुमार हरिनारायण त्रिपाठी डॉ चंचला, आनंद कुमार बेला आनंद सिंह दीपक पाठक अविनाश कुमार विश्वजीत चक्रवर्ती शंभू गिरी आचार्य बबलू बाबा आचार्य सुनील मिश्रा आचार्य अभय पाठक नीरज वर्मा उत्तम कुमार पाठक मोना अवस्थी श्वेता पांडेय विजय कुमार पांडेय महेश मिश्रा सुरेंद्र कुमार सुधा दास, डॉक्टर ज्ञानेश भारद्वाज पाठक रंजीत पाठक पवन मिश्रा मासूक साहव नुसरत जहां तस्लीम हसरत खातून तरन्नुम युवा नेता संदीप कुमार कुमकुम पांडेय दीपा पांडे फूल कुमारी नीलम देवी सुमन बसंती मांझी सोनी मिश्रा सुनीता रजनी चावला देव नारायण सिंह गुप्तेश्वर ठाकुर इत्यादि उल्लेखनीय थे।