आईआईएम बोधगया कर रहा है ‘हैप्पी पीरियड्स’ कार्यक्रम के माध्यम से लड़कियों को शिक्षित

विश्वनाथ आनंद ।
गया( बिहार )-आईआईएम बोधगया ने बोधगया के नजदीकी स्कूलों में युवा लड़कियों के लिए मेन्स्ट्रूअल जागरूकता सत्र किया आयोजित। यह कार्यक्रम संस्थान की सीएसआर समिति ‘प्रगति’ के चेयरपर्सन प्रो. सुरेश केजी, और प्रो. गार्गी रॉय के मार्गदर्शन में 12 सदस्यों द्वारा आयोजित किया गया । इस पहल का उद्देश्य जागरूकता फैलाने के साथ ही यह सुनिश्चित करना रहा कि इसका प्रभाव अधिकतम युवा लड़कियों तक पहुंचे।यह कार्यक्रम नाइन इंडिया के सहयोग से दो स्कूलों में चलाया गया। प्रारंभिक सत्र रामपुर सरकारी स्कूल में सुबह 11:00 बजे लगभग 200 लड़कियों के साथ आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रगति सदस्यों द्वारा प्रस्तुत एक जानकारीपूर्ण नुक्कड़ नाटक से हुई, जिसमें मेन्स्ट्रूअल स्वच्छता के महत्व पर जोर दिया गया। आयोजन एक विस्तृत प्रस्तुति, प्रश्नोत्तरी, खेल और मेन्स्ट्रूअल चक्र के प्रबंधन पर चर्चा के साथ आगे बढ़ा।
छात्रों में से एक, प्रज्ञा ने कहा, “यह सत्र अच्छा और जानकारीपूर्ण था और हमें पीरियड्स के बारे में कई तथ्य सीखने को मिले। अब हम बिना किसी झिझक के अपने माता-पिता और दोस्तों से इस बारे में बात करने के लिए प्रेरित होने के साथ ही उन्हें जागरूक भी कर पाएंगे।”
स्कूल के प्रिंसिपल मोहम्मद साहब उद्दीन ने इस पहल की सराहना की, जिसका उद्देश्य अक्सर सामाजिक वर्जित माने जाने वाले विषय पर खुली बातचीत को बढ़ावा देना है। उन्होंने युवा लड़कियों के लिए एक सहायक वातावरण के महत्व पर जोर दिया, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि वे स्वीकार्य और सुरक्षित महसूस करें।
दूसरा चरण दोपहर 2:00 बजे केंद्रीय विद्यालय नंबर 2, ओटीए में शुरू हुआ, जिसमें 300 युवा लड़कियां शामिल हुईं। पहले सत्र के जैसे ही इसमें भी प्रेजेंटेशन और सवाल जवाब सत्र शामिल था, जिसने युवा लड़कियों को खुलकर बोलने और अपनी गलतफहमियों और शंकाओं को दूर करने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा, इसमें मेन्स्ट्रूअल चक्र के दौरान स्वच्छता और देखभाल के महत्व पर लड़कियों को शिक्षित करने वाला एक वृत्तचित्र वीडियो भी दिखाया गया।
सत्र का समापन नाइन इंडिया द्वारा प्रायोजित सैनिटरी पैड बाटने के साथ हुआ। इस कार्यक्रम ने युवा लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए शिक्षा को ठोस समर्थन के साथ एकीकृत करने की पहल के प्रमाण के रूप में कार्य किया। यह आयोजन समुदाय और सामाजिक कल्याण की सेवा के प्रति आईआईएम बोधगया की प्रतिबद्धता का प्रमाण रहा।