औरंगाबाद पुलिस कप्तान ने भारतमाला प्रोजेक्ट कैंप पर फायरिंग करने वाला गिरोह का किया पर्दाफाश

विश्वनाथ आनंद .
औरंगाबाद( बिहार)- औरंगाबाद पुलिस कप्तान ने भारतमाला प्रोजेक्ट कैंप पर फायरिंग करने वाले गिरोह का उद्वेदन करते हुए पर्दाफाश किया है. इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अंवरीश राहुल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि विगत तिथि -23.12.24 को रात के 8:00 बजे भारतमाला प्रोजेक्ट में रोड बनाने वाले कंपनी पीएनसी के वेश में कैंप पर तीन अज्ञात अपराधियों के द्वारा फायरिंग की घटना की गई थी तथा पर्चा फेंका गया था. उन्होंने आगे कहा कि उक्त घटना के उद्वेदन हेतु पुलिस अधीक्षक औरंगाबाद के द्वारा एसडीपीओ सदर-01 के नेतृत्व में एक एस-आइ- टी का गठन करते हुए उद्वेदन कर अभियुक्त की गिरफ्तारी की जिम्मेवारी सौपी गई थी. उन्होंने आगे कहा कि उक्त एस- आइ- टी के द्वारा आ सूचना संकलन एवं तकनीकी विश्लेषण के आधार पर घटना का उद्वेदन करते हुए फायरिंग करने वाले दो अपराधियों के साथ- साथ इस गिरोह में शामिल दो अन्य अपराध कर्मियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने आगे कहा कि तलाशी के क्रम में इनके पास से एक देशी पिस्तौल, दो देसी कट्टा , सात कारतूस, दो मोटरसाइकिल एवं चार मोबाइल बरामद किया गया है. उन्होंने आगे कहा कि अपराधियों से पूछताछ के क्रम में यह बातें सामने आई है
कि झारखंड में कुणाल सिंह नामक अपराधी की हत्या वर्ष 2020 में हो गई थी. उस अपराधी के गिरोह का वर्तमान में नेतृत्व शुभम सिंह नाम का एक अपराधी कर रहा है. उन्होंने आगे कहा कि यह सभी अपराधी इसी गिरोह का सक्रिय सदस्य है. उन्होंने आगे कहा कि इसी शुभम सिंह के द्वारा इस घटना की पूरी योजना बनाई गई. और अपने ही गिरोह के सूरज सिंह, चेतन सिंह, अर्जुन सिंह, एवं ऋषि राज उर्फ ऋषिकांत एवं अन्य को इस घटना को करने की जिम्मेदारी दी गई थी. उन्होंने आगे कहा कि विगत दिन दिनांक- 23.12.2024 को कुल चार अपराधकर्मी दो मोटरसाइकिल से झारखंड से औरंगाबाद में प्रवेश किया. इनमें से तीन अपराध कर्मियों मे सूरज सिंह ऋषिकांत एवं एक अज्ञात अपराध कर्मी के द्वारा पीएनसी कंपनी के गेट पर आकर फायरिंग की गई. और परचा फेक कर भाग गए. उन्होंने आगे कहा कि इस काम को करने के लिए शुभम सिंह के द्वारा सूरज सिंह और ऋषिकांत को ₹10000 भी दिए गए. उन्होंने आगे कहा कि अर्जुन सिंह अंबा थाना कांड संख्या-119/22 दिनांक-06.8.22 धारा 302, 307, 34, भा0 दं0 वि0 एवं 27 आर्म्स एक्ट. उन्होंने आगे कहा कि शेष अपराधियों का अपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त की जा रही है.