बीजेपी महिला मोर्चा सदस्य शुभ्रा त्रिपाठी ने मनाया वीर शहीद बाल दिवस

विशाल वैभव,
वीर बालकों का बलिदान राष्ट्र एव समाज के लिए प्रेरणादायक
“वीर बालकों की अमर गाथा, देश और धर्म के लिए प्रेरणास्रोत
“मुगलों की क्रूरता के आगे न झुके साहिबजादे, धर्म की रक्षा के लिए किया बलिदान”
“बिहार प्रदेश महिला समिति सदस्य शुभ्रा त्रिपाठी के द्वारा द्वारा आयोजित साहिबज़ादे बाबा जोरावर सिंह और साहिबज़ादे बाबा फतेह सिंह के शहादत दिवस के अवसर पर मोतिहारी के गोविंदगंज नागदाहा में’वीर बाल दिवस’ धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर दसवें गुरु गोविंद सिंह के शहीद साहिबजादों को याद कर नमन किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस मौके पर बीजेपी नेत्री मैडम त्रिपाठी ने कहा कि हिन्दू धर्म और सच्चाई को स्थापित करने के लिए पंच प्यारे स्थापित किया गया। वीर बालकों की कहानी हमारे लिए प्रेरणादायक है, इनपर हम गर्व करते है और इन्हे नमन कर श्रद्धांजलि देते है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2022 मे इनके शहादत पर वीर बाल दिवस मनाने का निर्णय लिया था। आज तीसरी बार यह दिवस मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म को बचाने के लिए और समाज मे सच्चाई को स्थापित करने के लिए पंच प्यारे बनाया गया। उन्होंने कहा कि उन भाइयों ने कितनी बहादुरी के साथ अपने धर्म और देश के लिए शहादत देने का काम किया, वह आज हमलोगों के लिए वह प्रेरणा देता है। आज हमें उन पर गर्व है और आज नमन करते हुए कहा कि हमारी नसों मे गौरव का खून दौड़ रहा है। कई देशो की दशा एवं दिशा बदल गई लेकिन भारत नही बदला। मां भारती के सम्मान मे प्राणो की आहुति देने वाले को नमन है। माता गुजरी ,गुरु गोविंद सिंह ,जोरावर सिंह, फतेह सिंह को याद करने का दिन है। उन्होंने कहा कि हमे यह नहीं भूलना चाहिए कि हम इसी बलिदानियों की हम संतान हैं।
भाजपा नेत्री ने कहा कि 10 वें गुरु गोविंद सिंह जन्म यहीं पटना में हुआ। इनके साहिबजादों ने धर्म, संस्कृति और विरासत के लिए अपने प्राणो को न्यौछावर किया ऐसे बहुत कम लोग मिलेंगे। जिस प्रकार से मुगलो के अक्रांताओ ने 9 साल के जोरावर सिंह और 7 साल के फतेह सिंह कि क्रूरता से प्राण लिया यह अकल्पनीय है। यह एहसास करने की चीज है कि कितनी यातनायें और क्रूरता किया गया होगा। इन वीर बालको ने धर्मांतरण नही किया और अपने संस्कृति के लिए प्राण दे दियें।
उन्होंने कहा कि हम केवल सिर्फ श्रद्धांजलि देकर इनको नहीं छोड़ेंगे बल्कि इनकी शहादत को जन -जन तक पहुंचायेंगे। मैडम त्रिपाठी ने कहा जब -जब देश पर संकट आया तो युवाओं ने प्राणों की आहुति देकर इसकी रक्षा की है। आजादी के वर्षो बाद भी विदेशी चिन्ह,विदेशी संस्कार देखने को मिलता रहा।नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल मे शहीदों को सम्मान और विदेशी चिन्हो और अक्रांताओं को समाप्त किया जा रहा है।
सैकड़ों ग्रामीण महिलाएं मौजूद रहें।