जीबीएम कॉलेज में अंग्रेजी विभाग द्वारा “द रोल अॉव डिजैस्टर मैनेजमेंट इन एम्पावरिंग द नेक्स्ट जेनेरेशन फॉर अ सेफ एण्ड बेटर फ्यूचर” विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
-प्रतियोगिता में विभिन्न विभागों की छात्राओं ने बढ़चढ़कर लिया भाग.
विश्वनाथ आनंद
गया (बिहार)-गौतम बुद्ध महिला कॉलेज में अंग्रेजी विभाग की ओर से प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. सहदेब बाउरी के संरक्षण में तथा अग्रेजी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डॉ. कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी के संयोजन तथा समन्वयन में ‘द रोल अॉव डिजैस्टर मैनेजमेंट इन एम्पावरिंग द नेक्स्ट जेनेरेशन फॉर अ सेफ एण्ड बेटर फ्यूचर’ विषय पर “एस्से राइटिंग कम्पटीशन” आयोजित किया गया। कॉलेज के सावित्री महाजन सभागार में “सुरक्षित एवं बेहतर भविष्य के लिए भावी पीढ़ी को सशक्त करने में आपदा प्रबंधन की भूमिका” विषय पर आयोजित इस निबंध लेखन प्रतियोगिता में छात्रा श्रुति सिंह, मुस्कान कुमारी, सुरभि कुमारी, रुचि राज, पल्लवी कुमारी, सायमा परवीन, काजल श्रीवास्तव, हर्षिता मिश्रा, समृद्धि, अंजली, निखत परवीन, नादिया खातून, गुलनाज़ परवीन, मिली राज, श्रेया कुमारी, पायल कुमारी, नेहा कुमारी, सृष्टि कुमारी, नंदनी कुमारी, स्वाति, शमी, आंचल, सुरुचि, निशा सिंह, अंजली, माही, पूर्णिमा शर्मा आदि की उपस्थिति रही। सभी छात्राओं ने प्रतियोगिता में बढ़चढक़र भाग लिया। प्रतियोगिता के दरम्यान निर्णायक मंडल के सदस्य के रूप में गृह विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. प्रियंका कुमारी, मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रीति शेखर एवं जंतुविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ फरहीन वज़ीरी उपस्थित थीं। प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ सहदेब बाउरी ने सभी प्रतिभागी छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए आपदा प्रबंधन पर और भी अनिवार्य जानकारियाँ एकत्रित करने का परामर्श दिया।
अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. रश्मि ने बतलाया कि प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थानों पर चयनित छात्राओं को अंग्रेजी विभाग द्वारा आयोजित किये जाने वाले अगले कार्यक्रम में पुरस्कृत किया जायेगा तथा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि निबंध लेखन के लिए “आपदा प्रबंधन” पर आधारित विषय का चयन करने के पीछे छात्राओं को शीघ्रता से हो रहे जलवायु परिवर्तन के इस दौर में भूकंप, बाढ़, सूखा, सूनामी, अगलगी, आँधी-तूफान, सर्पदंश, बादल फटना, बिजली गिरना, भूस्खलन, ज्वालामुखी विस्फोट, हिमस्खलन, भगदड़, विद्युत आघात आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं के मध्य में सुरक्षित जीवन जीने की कला सीखने के लिए प्रेरित करने के साथ, उनमें लेखन कौशल तथा वैचारिक क्षमताओं का विकास करना है।आपदा प्रबंधन को संभावित प्राकृतिक आपदाओं से रणनीतिक तथा प्रभावी ढंग से निबटने के लिए पूर्व तैयारी ठहराते हुए डॉ रश्मि ने सीबीसीएस पाठ्यक्रम में बी.ए.थर्ड सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं के लिए डिजैस्टर मैनेजमेंट को एक महत्वपूर्ण विषय के रूप शामिल किये जाने पर प्रसन्नता जतायी। उन्होंने कहा कि एनसीसी कैडेटों और एनएसएस स्वयंसेवकों को ही नहीं, अपितु, सभी विभागों के स्टूडेंट्स को आपदा प्रबंधन की जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे अकस्मात आने वाली प्राकृतिक विपत्तियों के प्रति स्वयं जागरूक रहकर अपने परिजनों एवं समाज के लोगों को भी जागरूक कर सकें, जिससे प्राकृतिक आपदाओं के समय होने वाली जान-माल की क्षति को कम किया जा सके।