राष्ट्रीय लोक आदलत में 449 मामलो का किया गया निष्पादन

चंदन मिश्रा ।
शेरघाटी।बिहार विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देशानुसार एवम जिला एवम सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार मदन किशोर कौशिक के आदेशानुसार आज अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय शेरघाटी में अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया।राष्ट्रीय लोक अदालत के मद्देनजर शेरघाटी में दो बेंच का गठन किया गया। बेंच नम्बर 15 में सब जज प्रथम रंजय कुमार एवम पैनल अधिवक्ता मुकेश कुमार वहीं बेंच नम्बर 16 में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट कल्पना भारती एवम पैनल अधिवक्ता बलबंत कुमार शामिल हुए।
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 143 सुलहनीय प्रकृति के मामलों का निष्पादन किया गया. साथ ही बैंक लोन के कुल 449 वाद का निपटारा किया गया जिसमें 9499243 रुपये की समझौते राशि पर वादों का निपटारा राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से किया गया। कुल इस लोक अदालत में 592 वादों का निस्तारण किया गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक के अलावे वन विभाग एवम माप तौल विभाग, बिजली विभाग के पदाधिकारियों ने भाग लिया।।
जिला जज प्रथम दीपक कुमार, ASP शेलेन्द्र सिंह एवम बेंच न्यायिक पदाधिकारीगण एवम पैनल अधिवक्तागण ने सयुंक्त रूप से दिप प्रज्वलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन किया गया। इस मौके पर जिला जज प्रथम ने बताया कि लोक अदालतों के माध्यम से मामलों का निष्पादन होने से आमजनों को काफी राहत मिलती है। राष्ट्रीय लोक अदालत में एक ही मंच पर जहां सभी विभाग के सुलहनीय मामलों का त्वरित निपटारा किया जाता है और निष्पादित मामलों को कहीं चुनौती भी नहीं दी जा सकती है.
जिला जज प्रथम ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ऋणी बबिता देवी के लोन में 1000 रुपये का योगदान देकर उनका लोन खत्म करवाने का निर्देश डित।अनुमंडलीय विधिक सेवा समिति कर्मचारी मनीष प्रकाश ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में किसी पक्षकार की हार, जीत नहीं होती बल्कि मामलों का निराकरण पक्षकारों के आपसी सुलहनामे तथा आवश्यकता के आधार पर किया जाता है. समझौता हो जाने पर पक्षकारों को सुनवाई के लिए आने-जाने में होने वाली खर्च की बचत होती है.