काम पर उपस्थित रहकर शिक्षकेत्तर कर्मियों ने दिया धरना
चंद्रमोहन चौधरी ।
बिहार राज्य विश्वविद्यालय महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर शनिवार को एएस कालेज परिसर में शिक्षकेतर कर्मियों ने काम पर उपस्थित रहकर अपनी समस्याओं के समाधान हेतु धरना दिया। धरना स्थल पर एक सभा की गई। जिसे संबोधित करते हुए संघ नेताओं ने कहा कि कई समस्याओं जैसे वेतन सत्यापन कोषांग द्वारा वेतन कटौती, समय से वेतन भुगतान नहीं होना,15 20 वर्षों पहले प्रोन्नति प्राप्त कर्मियों की प्रोन्नति को राज्य सरकार द्वारा आज नहीं मानना, वर्षों से लंबित प्रोन्नति के मामले को टालने का काम करते रहना, सत्यापन कोषांग द्वारा एक निजी एजेंसी से काम लेकर मनमानी तरीके से वेतन कर देना आदि को लेकर कई बार विश्विद्यालय मुख्यालय और राज्य स्तर पर धरना प्रदर्शन किए गए हैं। इधर वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट समीक्षा के नाम पर दो माह तीन माह तक वेतन भुगतान नहीं करने की नई परम्परा की शुरुआत की गई है। महँगाई भत्ता एक साल बाद देना तो सरकारी आदत बन गई है। 50 प्रतिशत के जगह अभी भी कर्मियों को 42 प्रतिशत महँगाई भत्ता मिल रहा है। विलंब से वेतन भुगतान की तरह पेंशन भुगतान में भी दो दो माह विलंब हो रहा है। इसके कारण पेंशन पर जिंदा रहने वाला परिवार भुखमरी का शिकार हैं।
पैसे के अभाव में बुजुर्ग पेंशन धारी अपना इलाज नहीं करा पा रहे हैं। कई अन्य समस्याएं है जिनका समाधान वर्षों से लंबित है। कर्मी इसके बावजूद अपना काम करते हैं और सरकार और विश्विद्यालय की गलत नीति से तंग आकर जब हड़ताल धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होते हैं तो उन पर कानून का डंडा चलाने की कारवाई की जाती। आखिर अपनी समस्याओं का समाधान हेतु कर्मचारियों के पास और क्या रास्ता है। धरना में संघ के उपाध्यक्ष संतोष कुमार पांडेय, सचिव अक्षय कुमार प्यारे, संयुक्त सचिव मनोज कुमार, सरफराज अहमद, मदन प्रसाद वैश्य, हरेंद्र सिंह, कुमार दिनेश, आरज़ू खान, दीपक कुमार, अजय गुप्ता, सतेश्वर, राम कृष्णा प्रसाद, रामचंद्र सिंह धर्मशीला देवी सहित तमाम कर्मी शामिल हुए।