जन्माष्टमी को लेकर सजा ठाकुरबाड़ी,भजन-कीर्तन का होगा आयोजन,तैयारी में जुटे श्रद्धालुगण
संतोष कुमार ।
मुख्यालय अंतर्गत बाजार स्थित ठाकुरबाड़ी में जन्माष्टमी बनाए जाने को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है।वहीं श्रद्धालुगण भी अपने-अपने घरों में जन्माष्टमी बनाने को लेकर तैयारी में जुट गए हैं।लोगों द्वारा बाजार में खीरे के मूल्य में बढ़ोतरी के बावजूद खरीदा जा रहा है।वहीं माताएं भी अपने छोटे-छोटे बच्चों के लिए बालरूपी भगवान श्रीकृष्ण के ड्रेस को बाजार से खरीद रही हैं।मुख्यालय के अलावे प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में भी जन्माष्टमी मनाये जाने को लेकर साफ-सफाई एवं रंग-रोगन आदि की जा रही है।वहीं घरों में बाल-गोपाल के लिए झूला,अंगवस्त्र एवं सजावट के सामग्रियों की खरीदारी जोरों पर है।श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर कई विद्यालयों में ड्रेस कंपटीशन भी करवाया जाता है,जिसमें नन्हे-नन्हे बालक श्री कृष्ण का रूप धारण कर विद्यालय आते हैं।
ठाकुरबाड़ी के पुजारी ने बताया कि हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का त्योहार बेहद खास माना जाता है।हर साल रक्षाबंधन के आठवें दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है।इस वर्ष 26 अगस्त और 27 अगस्त 2024 को श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।इस दिन लोग व्रत रखते हैं और रात में 12 बजे कान्हा के जन्म के बाद उनकी पूजा करके व्रत का पारण करते हैं।इस जन्माष्टमी के दिन अलग-अलग रंग के कपड़ों का अलग महत्व होता है।कुछ रंगों के कपड़ों को पहनना बहुत शुभ माना जाता है।कुछ रंग तो भगवान श्री कृष्ण को बेहद प्रिय हैं और इन रंगों को पहनने से व्यक्ति को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है।वैसे तो त्योहार के दिन किसी भी हल्के रंग के कपड़ों को पहनना शुभ माना जाता है,मगर कुछ रंगों का चयन आपकी किस्मत को चमका सकती है।जन्माष्टमी त्योहार के लिए लाल रंग को बेहद शुभ माना जाता है।वहीं धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण,भगवान विष्णु के अवतार हैं इसलिए पीले रंग के वस्त्र भी खुशियां एवं समृद्धि का प्रतीक है।नीले रंग को सीधे तौर पर भगवान श्री कृष्ण से जोड़ा जाता है।साथ ही हरे रंग को खुशहाली का प्रतीक माना जाता है।वहीं सफेद रंग शांति का प्रतीक है और इसे चंद्रमा से जोड़कर देखा जाता है।इनसभी रंगों में से कोई एक रंग जन्माष्टमी के दिन अवश्य धारण करना चाहिए।