तो क्या नीतीश मोदी की राह पर चल पड़े हैं ?
संजय वर्मा .
कल विधि व्यवस्था के सवाल पर सीएम नीतीश कुमार ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की बैठक लम्बी चली पर दोनों डिप्टी सीएम या मंत्रिमण्डलीय कोई सहयोगी इसमें शामिल नहीं थे या फिर उन्हें शामिल करने की आवश्यकता नहीं रही होगी क्योंकि विधि व्यवस्था का मामला गृह विभाग के तहत आता है इसके सर्वेसर्वा मुख्यमंत्री खुद ही है यहां तक तो ठीक ठाक है पर सवाल कि गठबंधन की सरकार है भाजपा जदयू हम लोजपा रामविलास रालोमो बगैरह बगैरह विधि व्यवस्था खराब हो या अच्छा जिम्मेदारी पूरे सरकार और कैबिनेट की होती है ऐसे संवेदनशील और गम्भीर विषय पर होनेवाली समीक्षा बैठक में अपने गठबंधन मंत्रिमण्डलीय सहयोगी को शामिल न कर सीएम नीतीश कुमार यह जताने की कोशिश तो नहीं कर रहे कि मैं ही में हूँ दूसरा कोई नही ठीक उसी तरह जैसे केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद मोदी करते रहे हैं ।
फैसले तब भी करते थे आज भी कर रहे जबकि कल उनकी अपनी बहुमत की सरकार थी आज अल्पमत की फिर भी मोदी की कार्यशैली पर कोई फर्क नहीं पड़ा सहयोगी दलों के पूछे बगैर अपना फैसला निर्णय ले रहे बिहार और केंद की सरकार में समानता है बिहार में नीतीश कुमार भी गठबंधन सरकार में सबसे छोटे दल हैं फिर भी बड़े दल भाजपा को इग्नोर कर रहे आगे भी करेंगे ही तो क्या नीतीश मोदी की राह पर चल पड़े हैं?