पवन सिंह के नामांकन में समर्थकों की उमड़ी भीड़, सेल्फी लेने के लिए समर्थको में खूब हुई धक्का-मुक्की मां ताराचंडी के दर्शन कर नामांकन के लिए पहुंचे पवन सिंह, भीड़ को नियंत्रित करने में प्रशासन के छूटे पसीने
दिवाकर तिवारी,
सासाराम। काराकाट लोकसभा क्षेत्र से नामांकन के तीसरे दिन भोजपुरी के सुपरस्टार पवन सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। गुरुवार को नामांकन से पूर्व पवन सिंह ने पहले मां ताराचंडी के दरबार में हाजिरी लगाई और फिर अपने लाव लश्कर के साथ सीधे जिला समाहरणालय स्थित जिला निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय कक्ष में नामांकन के लिए पहुंचे। इस दौरान शहर में प्रवेश करते हीं पवन सिंह के साथ उनके समर्थको की भारी भीड़ भी देखी गई। पवन सिंह अपने काफिले के साथ आगे बढ़ रहे थे और पीछे-पीछे उनके समर्थकों की भीड़ एक झलक पाने के लिए पूरे रास्ते दौड़ लगाती रही। हालांकि कचहरी मोड़ के समीप बनाए गए बैरीकेटिंग के पास हीं पवन सिंह के काफिले को प्रशासन ने रोक दिया गया और सिर्फ तीन वाहन को हीं आगे जाने की अनुमति दी गई। इसके बाद पवन सिंह गाड़ी से उतरकर अपने प्रस्तावकों के साथ सीधे निर्वाचन हेल्प डेस्क पर पहुंचें। जहां बारी-बारी से सभी काउंटरों पर उनके फॉर्म आदि की जांच की गई और फिर उन्हें प्रस्तावकों के साथ जिला निर्वाची पदाधिकारी के कक्ष में भेजा गया। वहीं नामांकन प्रक्रिया पूरी करने के बाद भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह अकोढीगोला में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करने के लिए निकल गए।
बता दें कि नामांकन के दौरान पवन सिंह के समर्थकों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। समर्थकों की भारी भीड़ को देखते हुए पुरानी जीटी रोड के उत्तरी लेन को दो-तीन घंटे के लिए बंद रखा गया तथा तथा नामांकन प्रक्रिया पूरी होने तक समर्थकों का हुजूम समाहरणालय गेट पर जमा रहा। इस दौरान समर्थकों ने पवन सिंह के समर्थन में खूब नारे भी लगाए और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। गौरतलब हो कि नामांकन को लेकर शहर के पुरानी जीटी रोड सहित जिला समाहरणालय परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं तथा समाहरणालय के मुख्य द्वार से लेकर नामांकन कक्ष तक दंडाधिकारियों के साथ पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती भी की गई है। बावजूद इसके पवन सिंह के काफिले के दौरान शहर में यातायात व्यवस्था काफी हद तक प्रभावित हुई। जीटी रोड के उत्तरी लेने को बंद करने से सड़क पर दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें लग गई और लोगों को जाम से निकलने में घंटो लग गए।