हीट स्ट्रोक को लेकर जिला में प्रारंभ हुआ प्रशिक्षण कार्यक्रम

मनोज कुमार ।

जिला पदाधिकारी के निर्देश के आलोक में हो रहा प्रशिक्षण

डुमरिया, मोहनपुर तथा खिजरसराय में दिया गया प्रशिक्षण

सिर को तौलिये से ढंके, तेज धूप में नहीं निकलें और पानी पीते रहें

लू लगने पर शरीर से नहीं निकलता पसीना, हो सकती है बेहोशी

गया, गर्म हवा और लू का असर खतरनाक होता है. लू लगने से जान भी जा सकती है. अत्यधिक गर्मी में घर से निकलने के गंंभीर परिणाम हो सकते हैं. तेज धूप में काम करने से परहेज करें. लू से बचाव के लिए ओआरएस पाउडर और जरूरी दवा घर में जरूर रखें. घर से बाहर निकलते समय सिर पर तौलिया, टोपी या छाता रखें. सिर को सूर्य की तेज किरणों से बचायें तथा नियमित अंतराल पर पानी पीते रहें. तेज धूप में बच्चों को घर से बाहर नहीं जाने दें. बच्चों को पानी ​पीते रहने की ताकीद करते रहें. हीट स्ट्रोक से बचने के लिए तरल पदार्थ जैसे सत्तू, नींबू पानी का शरबत, लस्सी, छाछ लें तथा सादा भोजन के साथ सलाद व मौसमी फल का सेवन जरूर करें. खाली पेट घर से नहीं निकलें. जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा दिये गये निर्देश के तहत स्वास्थ्य विभाग के ​अधिकारियों द्वारा हीट स्ट्रोक से बचाव, लक्षण, कारण तथा प्राथमिक उपचार संबंधी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके लिए स्वास्थ्य अधिकारियों तथा सहयोगी संस्थाओं के अधिकारियों की टीम तैयार की गयी है.

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम नीलेश कुमार ने बताया कि गरम हवाओं व लू के दौरान लोगों के स्वास्थ्य विशेष तौर पर बच्चों, गर्भवती व धात्री माताओं तथा बुर्जुगों की सुरक्षा एवं एईएस—जेई से बचाव को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों की टीम द्वारा विभिन्न प्रखंडों में लू लगने के लक्षणों तथा बचाव संबंधी जागरूकता सह प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस ट्रेनिंग में सभी एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका, शिक्षक तथा पंचायती राज प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है. डुमरिया, इमामगंज, मोहनपुर, बोधगया, खिजरसराय, बेलागंज, बांकेबाजार, आमस सहित दूसरे प्रखंडों यह प्रशिक्षण सात मई तक चलेगा. दो सदस्यी टीम में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ एमई हक, यूनिसेफ से संजय कुमार, डीआईओ डॉ राजीव अंबष्ट तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ, संचारी रोग पदाधिकारी डॉ पंकज कुमार तथा पीरामल स्वास्थ्य से नीरज कुमार शामिल हैं. यह प्रशिक्षण सात मई तक विभिन्न प्रखंडों में चलेगा.

सात मई तक चलेगा प्रशिक्षण कार्यक्रम:
जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम के निर्देश के आलोक में पहले चरण में लू से बचाव के लिए प्रशिक्ष्ण कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है. चार मई को इमामगंज, बेलागंज तथा बोधगया, छह मई को बांकेबाजार तथा सात मई को आमस प्रखंड में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा.

डुमरिया तथा खिजरसराय में हुआ प्रशिक्षण:
हीट स्ट्रोक से बचाव को लेकर शुक्रवार को डुमरिया, मोहनपुर तथा खिजरसराय में डॉ एमई हक, डॉ राजीव अंबष्ट तथा डॉ पंकज कुमार द्वारा जरूरी प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान बताया गया कि गर्भवती महिलाएं लू से बचें. शरीर में पानी की कमी का खतरा गर्भ में पल रहे शिश पर भी पड़ सकता है. लू लगने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इससे चक्कर आना, भूूख नहीं लगना, सिरदर्द व बेहोशी तक हो सकती है. हल्के, ढ़ीले तथा सूती कपड़े पहनें.

लू लगने के लक्षणों की रखें जानकारी
लू लगने पर सिर में तेज दर्द होना, चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं होती हैं. लू लगने पर अचानक से तेज बुखार आता है और शरीर से पसीना नहीं निकलता. उल्टी आना और शरीर में तेज दर्द के साथ कमजोरी लगती हैं. व्यक्ति के बेहोश होने की भी संभावना होती है.

लू लगे व्यक्ति का प्राथमिक उपचार:
लू लगने पर मरीज को तुरंत छायादार जगह पर या ठंडी जगह पर लिटा दें. शरीर को ठंडा रखने के लिए शरीर पर ठंडे पानी की पट्टियां लगाएं. घर के खिड़की दरवाजे खोल दें और कूलर या एसी चालू कर दें. अगर मरीज लू लगने से बेहोश हो गया है तो तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं.

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