राजद उम्मीदवारी में आगे निकली तो फिर एनडीए क्यूं पिछङ रही है

संजय वर्मा ।

एनडीए ने अभीतक उम्मीदवार घोषित नहीं किया सिर्फ सीटों का बंटवारा तक सी सीमित है जबकि महागठबंधन में बंटवारा भले ही नहीं हुआ पर राजद ने अपनी सीटों पर अपना योद्धा तक उतार दिया प्रथम चरण के सभी चार उम्मीदवारों को सिंबल तक दे दिया। नवादा जमुई औरंगाबाद गया के उम्मीदवार घोषित कर एनडीए पर बढ़त तो बना ही ली वैसे महागठबंधन में सबकुछ अंडरस्टूड है राजद 30 कांग्रेस 7 और वामदल 3 सीट पर चुनाव लड़ेगी मुंगेर में ललन सिंह को मात देने के लिये बाहुबली अशोक महतो की पत्नी अनिता कुमारी वैशाली में मुन्ना शुक्ला शिवहर से रमा देवी पाटलिपुत्र से रीतलाल यादव जहानाबाद से सुरेंद्र यादव राजद से तो पूर्णिया से कांग्रेस के पप्पू यादव सहित अन्य सभी सीटों पर उम्मीदवार तय कर लिया गया है ।

आधिकारिक घोषणा भी एक दो दिन में हो भी जाएगी जबकि एनडीए में कौन लड़ेगा किसका टिकट कटेगा किसका नही यह उहापोह बना है वैसे जदयू अपने सभी सिटिंग सांसदों को टिकट देगी एक दो सीटें जो अदला बदली हुई वहाँ नए चेहरे पहले ही घोषित कर दिया है सीतामढ़ी में सुनील पिंटू का टिकट काट विधानपरिषद के सभापति देवेशचंद्र ठाकुर तो शिवहर से आनन्द मोहन की पत्नी लवली आनन्द को उम्मीदवार बनाने का संकेत दे दिया है जबकि भाजपा अभी असमंजस में है दर्जन भर सीटिंग सांसदों के टिकट काट नए चेहरों को मौका देने की चर्चा है पर अभीतक यह तय नही हो पाया है। भाजपा भले ही 40 की 40 सीट जीतने की दावा कर रही है पर महागठबंधन खासकर राजद सोशल इंजीनियरिंग या जातीय सर्वे के आधार पर जैसा जैसा योद्धा को चुनावी अखाड़े में उतार रही उससे एनडीए खेमा चिंतित है।