जिले में स्मार्ट पॉइंट अब उपभोक्ता का लूटने का काम कर रहा है

गजेंद्र कुमार सिंह

जिस समय पॉइंट स्मार्ट प्वाइंट जिले में खुला था तो दुकान से कम रेट सामान था.

आज दुकान से सामान का रेट ज्यादा है इसका असर उपभोक्ता पर पड़ रहा है.

शिवहर —-जिले में जिले में स्मार्ट प्वाइंट स्मार्ट मोबाइल की तरह आम जनता को लूटने की काम शुरू कर दी है। जिस समय आम जनता को दैनिक उपयोगी सामान सभी सामान एक छत के नीचे मिलने का उम्मीद से काउंटर खुला, लेकिन आज दैनिक उपयोगी सामान का भाव बाजार के भाव से अधिक है ।जिस समय काउंटर खुला उसे समय बाजार के रेट से बहुत कुछ कम रेट में दैनिक उपयोगी सामान मिलता था ।लेकिन आज बाजार के रेट से बहुत ज्यादा है उपभोक्ता स्मार्ट प्वाइंट में जाकर अपने आप को ठगी महसूस कर रहा है ।क्योंकि पहले बाजार से कम रेट में दैनिक उपयोगी सामान मिलता था और एक जगह सारा सामान मिलता था उपभोक्ता को ज्यादा परेशानी नहीं होता था। लेकिन अब वह बात नहीं है अब इसके बाद उपभोक्ता दुकान से सामान खरीदना पसंद कर रहा है क्योंकि सामान रखने के लिए थैली भी स्मार्ट प्वाइंट में नहीं दिया जाता है।उसके बावजूद भी उपभोक्ता स्मार्ट प्वाइंट पर सामान खरीदता था। और खुशी घर आता था लेकिन अब स्मार्ट प्वाइंट में जाकर उपभोक्ता बाजार के भाव से ज्यादा भाव सामान को देखकर वापस चला आता है।

दुकान से सामान खरीदता है ।जिस तरह मोबाइल मोबाइल के सिम स्मार्ट जिओ फ्री में देकर आज जनता से भारी रकम असूल कर रहा है धीरे-धीरे जिओ सिम पर ग्राहक अब रिचार्ज के नाम पर ग्राहक शोषण करता है ।ग्राहक जान रहा है कि यह स्मार्ट के नाम पर जनता को शोषण हो रहा है अब ग्राहक किराना दुकान पर सामान खरीदने के लिए पहुंच रहे हैं। एक ग्राहक अपना नाम नहीं छापने के लिए कहा और उन्होंने बताया की स्मार्ट पॉइंट 6 महीना ही खुले हुए हुआ है लेकिन उपभोक्ता का लूटना शुरू कर दिया है। स्मार्ट पॉइंट गिरगिट की तरह रंग बदल दिया है जो उपभोक्ता का सुविधा देता था वह सारी सुधा समाप्त कर दिया है, बाजार भाव से अधिक रेट पर स्मार्ट प्वाइंट का सामान मिल रहा है ।अगर स्मार्ट प्वाइंट को व्यवस्थापक को नहीं समझ में आएगा तो उन्हें काफी नुकसान होगा। एक बार ग्राहक टूट जाता है तो वह नहीं जूटता है अब समझना है स्मार्ट प्वाइंट के मैनेजमेंट को क्या निर्णय लेते हैं। उपभोक्ता को जो फैसिलिटी शुरू में दिया था वह अब देंगे तो ग्राहक इधर-उधर नहीं भागेगा ।

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