बच्चों के बैठने की समुचित व्यवस्था के साथ प्रत्येक कक्षा में समय सारणी अवश्य लगाएं – डीएम शिक्षा विभाग की योजनाओं का डीएम ने की समीक्षा, कई दिशा निर्देश जारी
दिवाकर तिवारी,
रोहतास। जिले के सभी विद्यालयों में शिक्षा विभाग द्वारा मध्याहन भोजन, समग्र विकास, स्थापना, माध्यमिक शिक्षा, साक्षरता एवं डीबीटी के अंतर्गत चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की मंगलवार को जिलाधिकारी नवीन कुमार द्वारा बिन्दुवार समीक्षा की गई। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि विद्यालयों में नामांकित बच्चों को 75% की उपस्थिति के आधार पर छात्रवृति, पोषाक, नैपकीन, साईकल आदि की राशि दी जा रही है तथा आगामी 10 अक्टूबर तक सभी बच्चों के खाते में राशि हस्तानांतरण का कार्य भी पूर्ण कर लिया जाएगा। लेकिन जिन बच्चों का खाता नही है अथवा आधार लिंक नही है, उसे डीएम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को एलडीएम से कोर्डिनेट कर जल्द से जल्द समाधान करने तथा विभाग के मेधा सॉफ्ट पोर्टल पर बच्चों की विवरणी आदि प्रविष्ट कराने का निर्देश दिया। डीएम ने साफ तौर पर कहा कि विद्यालय में किसी भी परिस्थिति में मध्याहन भोजन योजना बंद नहीं होना चाहिए। इस दौरान नौहट्टा प्रखंड के दो विद्यालयों में पानी की समस्या के कारण अलटरनेट डे पर पीएचईडी द्वारा पानी टैंकर उपलब्ध कराने एवं कुछ विद्यालयों में हैण्डपम्प मरम्मति के लिए भी निर्देशित किया गया। वहीं बैठक के दौरान डीएम ने कहा कि विद्यालय के पोषण क्षेत्र अन्तर्गत प्रत्येक दिन 4 बजे से 5 बजे तक अध्यापक विजिट कर एक फिल्ड डायरी तैयार करें। जिसमें प्रत्येक घर में उपलब्ध बच्चों की संख्या, उनका नामांकन तथा घर के मुखिया का मोबाईल नं नोट करेंगे। ताकि छुटे हुये सभी बच्चों का 15 दिनों के अन्दर नामांकन सुनिश्चित कराया जा सके। विद्यालयों में बच्चों के बैठने की समुचित व्यवस्था के साथ प्रत्येक कक्षा में समय-सारणी अवश्य लगी होनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने प्रतिनियुक्त शिक्षको के संबंध में जानकारी प्राप्त करते हुए प्रतिनियुक्ति के पश्चात् मूल विद्यालय तथा प्रतिनियुक्ति वाले विद्यालय में शिक्षको की संख्या के संबंध में भी जानकारी मांगी तथा निर्देशित किया कि सभी गेस्ट शिक्षक एवं रेगुलर शिक्षक का नियमित भुगतान करें। मातृत्व लाभ के संबंध में लिये गये अवकाश में किसी कर्मी का वेतन नहीं रूकेगा। यदि ऐसे आवेदन लंबित है तो उनका निष्पादन शीघ्र करें। अंत में डीएम ने बताया कि माध्यमिक साक्षरता मिशन अन्तर्गत 936 टोला सेवक कार्यरत है तथा 56 नये टोला सेवको की बहाली की गई है। जिनका मुख्य उद्देश्य निरक्षर बच्चों को विद्यालय लाना, उन्हें कोचिंग देना तथा व्यस्क महिलाओं का साक्षर बनाना है। इसलिए अक्षर अंचल योजनान्तर्गत संचालित 936 सेंटरों के मॉनिटरींग पर ध्यान दें तथा सभी सेंटरों का डाटा बेस तैयार करते हुए सप्ताह में एक दिन सेंटर की महिलाओं से वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त करें।