बिहार में होने वाली शिक्षकों की बहाली में मंत्रिमंडल का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण-डॉक्टर विवेकानंद मिश्रा
विश्वनाथ आनंद ।
गया ( बिहार)- बिहार में होने वाली शिक्षकों की बहाली में “बिहार सरकार का मूल निवासी होना जरूरी नहीं” यह निर्णय बिहार सरकार द्वारा मंत्रिमंडल में लेना अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. उक्त बातें कौटिल्य मंच के डॉक्टर विवेकानंद मिश्रा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहीं . उन्होंने आगे कहा कि सरकार का बयान कि बिहार में अच्छा टैलेंट नहीं मिला , बिहार के प्रतिभावानों को अपमानित करना है.यह बिहार को बदनाम करने की साजिश है. देश को अपनी प्रतिभा से गौरवान्वित करने वाले होनहार छात्र -छात्राओं का हक मारना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि सत्ता के नशे में अंधी सरकार की चुनौती को हम सब स्वीकार कर संपूर्ण बिहार के प्रतिभावानों के साथ होकर सरकार द्वारा लिए गए निर्णय को वापस लेने को बाध्य करेंगे.प्रमुख लोगों ने सरकार से अपने तानाशाहीपूर्ण निर्णय को वापस लेने की मांग किया है. तथा छात्रों के समर्थन में खड़े रहने का संकल्प लिया. विभिन्न संगठनों के लोगो और समाज के जागरूक बुद्धिजीवियों में अवकाश प्राप्त शिक्षक धनेश चंद्र पाठक, इंजीनियर अशोक शर्मा, रवि भूषण पाठक डॉक्टर मंटू मिश्रा, नुसरत परवीन किरण पाठक, प्रियंका मिश्रा, तरन्नुम तारा, केबल सिंह, निर्भय सिंह बृजेश सिंह ,रघुवंश नारायण सिंह , परवेज खां , मोहम्मद सद्दाम, डॉक्टर ज्ञानेश भारद्वाज, प्रोफेसर अशोक कुमार विश्वजीत चक्रवर्ती तारा ,सोमू रंजीत पाठक ,पवन कुमारमिश्रा, देवेंद्र नाथ मिश्रा, पियूषा गुप्ता ,आरके यादव, आचार्य अभय पाठक ,देवेंद्र कुमार पाठक ,मनोज पाठक, प्रोफेसर रीना सिंह पूजा कुमारी, अधिवक्ता, दीपक पाठक अधिवक्ता ,अविनाश मलदहिया, किरण पांडेय, रविभूषण भट्ट, विनयलाल टाटक ,बालेंद्र पांडेय , शुभम पाठक अधिवक्ता, सरिता ठाकुर ,फूल कुमारी यादव, सोनम, किरण यादव, शंभू गिरी, लीलावती देवी डॉ राजेंद्र मिश्रा, सोनी कुमारी, राम भजन दास , देव कुमार ठाकुर ,सोना देवी ,बेबी देवी सुनीता कुमारी, संतोष सिंह, चंद्रभूषण मिश्रा, जुली कुमारी, नीरज वर्मा ,सुरेंद्र पासवान, राहुल दास ,दिलीप मांझी ,शोभा मांझी, करण मांझी का नाम शामिल है .