किसान के बेटे ने महाविद्यालय खोलकर किया कीर्तिमान स्थापित ll
चंद्रमोहन चौधरी, बिक्रमगंज ll
एंकर-दाता सह संस्थापक स्वर्गीय नेपाल सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एएस कालेज के नवनियुक्त प्रशासक ने नमन किया। लगभग दो सप्ताह से महाविद्यालय का प्रशासक के रूप में कार्य करने के बाद भूमि सुधार उप समाहर्ता बिक्रमगंज अविनाश कुमार सिंह ने महाविद्यालय के दाता सह संस्थापक स्वर्गीय नेपाल सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके पांव छूकर नमन किया और आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि एक किसान के बेटे ने 1957 में महाविद्यालय खोलकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित इस महाविद्यालय का अपना अलग ही गौरव रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि महाविद्यालय प्रशासक के अतिरिक्त उन्हें अन्य कई दायित्वों का निर्वहन करना होता है। इसके बावजूद वे प्रयास करेंगे कि यहां के शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मियों के सहयोग से महाविद्यालय के विकास से संबंधित कार्यों को भी पूरा करेंगे। ग्रीष्मावकाश के बाद 1 जुलाई से शिक्षण कार्य प्रारम्भ होंगे। वे चाहेंगे कि सभी शिक्षक अपने दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी से करें। उन्होंने छात्रों से अपील की है कि वे नियमित रूप से क्लास करें। अभिभावकों से भी अपील की कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से क्लास करने के लिए प्रेरित करें। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो 75 प्रतिशत उपस्थिति के अभाव में उन्हें परीक्षा प्रपत्र भरने से रोकने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी समय पर अपनी बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करें। अगर अवकाश पर जाना है तो लिखित सूचना महाविद्यालय प्रशासन को देकर ही जाएं। बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहने के कारण उनका उस दिन का वेतन काट दिया जाएगा। ज्ञातव्य हो की राज्य सरकार के दिशा निर्देशों के आलोक में विश्विद्यालय ने भी इस आशय का पत्र निर्गत किया है और प्रतिदिन 1 बजे तक उपस्थिति, अनुपस्थित का ब्योरा भेजने का निर्देश दिया है। शिक्षकों द्वारा किए गए वर्ग संचालन का प्रतिवेदन भी प्रतिदिन भेजना है। उन्होंने बताया कि 3 जुलाई को सभी शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारी की एक बैठक बुलाई गई है। बैठक में महाविद्यालय के जरूरी कार्य जो एनएएसी से संबंधित हैं, पर भी चर्चा की जाएगी और बहुत जल्द अधूरे कार्यों को पूरा किया जाएगा इसके लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है।