किसानों के भगवान कहे जाने वाले युगदृष्ट्रा, जननायक स्वामी सहजानंद सरस्वती आजीवन त्याग और संघर्ष के प्रतिमुर्ति बने रहे

मनोज कुमार ।
भारत के कार्ल मार्क्स कहे जाने वाले, किसान मजदूर के मसीहा, त्याग और संघर्ष के प्रतिमूर्ति स्वामी सहजानंद सरस्वती की 73 वीं पुण्यतिथि स्थानीय अनुग्रह नारायण रोड स्थित दुबे आश्रम में कांग्रेस पार्टी के तत्वाधान में मनाई गई।
सर्व प्रथम स्वामी सहजानंद सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण के पश्चात् उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तृत प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह क्षेत्रीय प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिठू ने किया रहा संचालन कांग्रेस सेवादल के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रद्युमन दुबे ने किया ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा की स्वामी सहजानंद सरस्वती की यह नारा ” जो अन्न,वस्त्र उपजाएगा, शासन वही चलाएगा, भारत देश उसी का है, कानून वही बनाएगा ” तथा भगवान और रोटी दोनो बड़े है, लेकिन रोटी भगवान से जरूरी है दोनो कट्टू सत्य एवम् हमेशा प्रासंगिक है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा की स्वामी सहजानंद सरस्वती एवम् उनके अन्न्न सहयोगी पंडित यदुनंदन शर्मा मगध क्षेत्र को अपना कर्म क्षेत्र मानते थे, मगध के किसान यह नारा लगाते थकते नहीं थे की लेलन स्वामी सहजानंद सरस्वती एवम् पंडित यदुनंदन शर्मा अवतार हरेलन दुःख किसान के , गांव , गांव में गया जाता था।
कार्यक्रम को प्रो विजय कुमार मिठू, वामपंथी चिंतक मुरारी शर्मा, डा मदन कुमार सिन्हा, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष राम प्रमोद सिंह, बाबूलाल प्रसाद सिंह, युवा कांग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, विपिन बिहारी सिन्हा, रामसेवक कुशवाहा, राजेश कुमार, अमर चंद्रवंशी, कुंदन कुमार, टिंकू गिरी, दामोदर गोस्वामी, शिव कुमार चौरसिया, उदय शंकर पालित, बाल्मिकी प्रसाद, मो समद, मौलाना आफताब आलम खान, सुरेंद्र मांझी, विनोद उपाध्याय आदि ने संबोधित किया।
कार्यक्रम के अंत में गया के मानपुर प्रखंड स्थित भुसुंडा सलेमपुर पशु मेला क्षेत्र का नामकरण स्वामी सहजानंद सरस्वती किसान परिसर के रूप में विकसित करने रहा इनका आदम कद प्रतिमा इस परिसर में स्थापित करने की मांग स्थानीय प्रशासन एवं राज्य सरकार से किया है।

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