धूमधाम से भक्तों, श्रद्धालुओं ने मनाया हनुमान जयंती समारोह

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धूमधाम से भक्तों, श्रद्धालुओं ने मनाया हनुमान जयंती समारोह.
-पवन तनय संकट हरन ; मंगल मूरती रूप।
राम लखन सीता सहित। हृदय बसहु सुर भूप।।
विश्वनाथ आनंद
गया (बिहार )- गया जिला के टिकारी में हनुमान भक्तों श्रद्धालुओं ने धूमधाम से जयंती समारोह मनाया. बताते चलें कि हनुमान जी का जन्म वानर राज केसरी और अंजना के गर्भ से हुआ था. हनुमान जी को पवन पुत्र भी कहा जाता है क्योंकि उनके धर्म पिता वायु थे. हनुमान जी का जन्म चैत्र महीने के पूर्णिमा के दिन हुआ था. एक और कथा के मुताबिक, राजा दशरथ ने संतान प्राप्ति के लिए यज्ञ करवाया था. इस यज्ञ से प्राप्त हवि को खाकर अंजना गर्भवती हुईं. हनुमान जी बचपन से ही बहुत तेजवान, कांतिमय, बुद्धिमान, और बलशाली थे.
हनुमान जी को शिव का 11वां रूद्र अवतार माना जाता है. हनुमान जी का जन्म 85 लाख 58 हजार 112 वर्ष पहले त्रेतायुग के अन्तिम चरण में चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र व मेष लग्न के योग में सुबह 6.03 बजे भारत देश में आज के हरियाणा राज्य के कैथल जिले में हुआ था जिसे पहले कपिस्थल कहा जाता था।कलियुग में हनुमान जी गंधमादन पर्वत पर रहते हैंगंधमादन पर्वत हिमालय के कैलाश पर्वत के उत्तर में स्थित है। प्राचीन काल में सुमेरू पर्वत की चारों दिशाओं में स्थित गजदंत पर्वतों में से एक पर्वत को गंधमादन पर्वत कहते हैं ,यहां धन-संपन्नता और खुशियां फैली रहती हैं.

हनुमान जी के मंत्र
‘नमो भगवते आन्जनेयाये महाबलाये स्वाहा’ मंत्र के देवता हनुमान हैं.
ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा’
इस मंत्र से शत्रुओं पर जीत मिलती है.
कहा जाता था।जिस घर में ‘ऊँ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट’ मंत्र का जाप होता है, वहां किसी तरह की हानि नहीं होती.
हनुमान जी को प्रसन्न करने के उपाय
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद साफ़ वस्त्र धारण करें.
पास के किसी हनुमान मंदिर जाएं.
उन्हें प्रणाम करें और देशी घी का दीपक जलाएं.
उन्हें फूल माला, प्रसाद अर्पित करें.
रुद्राक्ष या फिर तुलसी की माला से राम नाम का 51 बार मंत्र जाप करें.
कहते हैं हनुमत साधना से मंगल दोष खत्म हो जाता है।हनुमान जी चिरंजीवि हैं।