भारतीय रेलवे अनदेखी व बदहाली का शिकार -कॉंग्रेस
विश्वनाथ आनंद ।
गया( बिहार)- मोदी सरकार के तीसरे टर्म के 126 दिनों में 55 रेल हादसे, 21 लोगों की मौत, 131 से ज्यादा लोग घायल होने पर कॉंग्रेस पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि गरीब-मध्यमवर्गीय परिवार का लाइफ लाइन कहे जाने वाले भारतीय रेल विगत कई महीनों से अनदेखी और बदहाली का शिकार बनते जा रही है।प्रतिक्रिया व्यक्त करने वालों में बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, प्रद्युम्न दुबे, दामोदर गोस्वामी, शिव कुमार चौरसिया, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, मोहम्मद समद, रूपेश चौधरी, राहुल चंद्रवंशी,कौशलेंद्र यादव बुढ़ा, मोहम्मद शमीम आलम, उज्ज्वल कुमार, आयुष सेठ आदि ने कहा कि भारतीय रेल इस तरह से लगातार हो रहे दुर्घटनाओं से सबक ले सुधार करने के बजाय रेल मंत्री सहित मोदी सरकार के कई मंत्री, भाजपा गठबंधन के नेता इसे छोटी-छोटी घटनाएं बता कर टालने का काम कर रहे हैं। नेताओं ने विजयादशमी जैसे पर्व में मैसूर से दरभंगा आ रहे ट्रेन के माल गाड़ी मे टक्कर से कई बोगी के बेपटरी होने तथा कई भी भीषण आग लगने से दर्जनों के घायल होने की घटना को रेल मंत्री द्वारा इसे हल्के में लेना बेहद चिंता का विषय है। नेताओं ने कहा कि एक ओर प्रधानमंत्री लगातार बन्दे भारत ट्रेनों को हरि झंडी दिखा कर शुरू कर रहे हैं, परंतु उनके द्वारा लगातार हो रहे रेल दुर्घटनाओं पर कुछ भी नहीं बोल रहे है। लगाता है कि भारतीय रेल को को वर्षो से संचालित मेल, एक्स्प्रेस ट्रेनों की देखभाल, सुरक्षा से कोई मतलब नहीं है।
नेताओं ने कहा कि कॉंग्रेस गठबंधन यानी यू पी ए सत्कार के कार्यकाल में गरीब, मध्यमवर्गीय परिवार के लिए गरीब रथ जैसे साधारण भाड़ा वाले ट्रेन चलाए गए, परंतु आज जो बन्दे भारत ट्रेनों का परिचालन हो रहा है, उसके बेतहासा भाड़ा होने के कारण इसके 30 से 40 प्रतिशत सीटें खाली रहती है, तथा इसमें भी भी आई पी तथा भी आई पी लोग ही सफर करते हैं.नेताओं ने केन्द्रीय रेल मंत्री से अविलंब भारत के गरीब- मध्यमवर्गीय परिवार का लाइफ लाइन भारतीय रेल की सुरक्षा, देखरेख की बेहतर व्यवस्था करवाने की मांग किया है, ताकि लोग रेल से शांति एवं बेफिक्र यात्रा कर सके।