खड़गपुर के दुर्गा मंदिर के तर्ज बन रहा मां काली का पंडाल,मूर्ति को जीवंत रूप देने में जुटे कारीगर

संतोष कुमार ।

मुख्यालय स्थित पुरानी बस स्टैंड में मां काली की मूर्ति स्थापित कर पूजा-अर्चना वर्ष 2007 से धूमधाम से की जा रही है।इसके अलावे बीते कई वर्षों से बजरंगबली चौक,संगत द्वार एवं नीचे बाजार में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित होते आ रही है।संगत के समीप स्थापित मूर्ति में पंडाल में लोगों को चलंत माता का दर्शन कराया जाता आ रहा है।वहीं नीचे बाजार में माता के मंदिर का निर्माण पिछले वर्ष किया जा रहा है।जबकि पुरानी बस स्टैंड में माता काली की पूजा बीते 18 वर्षों से बड़े ही धूमधाम से की जा रही है।पूजा आयोजन मंडल के अध्यक्ष अरुण साव,उपाध्यक्ष रवि चौधरी,कोषाध्यक्ष अनुज कुमार के अलावे रौशन कुमार,बब्लू पंडित,रंजन वर्मा आदि लोगों ने बताया कि इस बार पश्चिम बंगाल के खड़गपुर शहर के छोटा टेनगरा का सुप्रसिद्ध दुर्गा मंदिर का प्रारूप के तर्ज पर पूजा पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है।उन्होंने बताया कि पूजा पंडाल के निर्माण हेतु झारखण्ड के गिरिडीह जिले के सुप्रसिद्ध कारीगरों को बुलाया गया है।साथ ही बताया कि पूजा पंडाल के कारीगर पंडाल बनाकर चले गए हैं।अब पंडाल की खूबसूरती के लिए लाइट कारीगरों की मदद से मनमोहक लगने वाला लाइट लगाया जा रहा है।वहीं मां काली के मिट्टी की मूर्ति निर्माण में मूर्तिकार जयराम पेंटर अपने सहयोगियों के साथ दिन-रात लगे हुए हैं।मूर्तिकार का दावा है कि मिट्टी की मूर्ति एकदम बोलती हुई प्रतीत होगी।

मूर्तिकार मां काली को जीवंत रूप देने की तैयारियों में जुटा हुआ है।बताया जाता है कि मां काली की विशेष रूप से तैयार की गई मूर्ति आकर्षण का केंद्र बनी हुई रहेगी क्योंकि मिट्टी से बनी इस मूर्ति का विशेष श्रृंगार किया गया है।पूजा आयोजकों ने बताया कि श्रद्धालुओं के द्वारा नवरात्रि के शुरुआती दिनों से ही विजय दशवीं तक महाप्रसाद का वितरण प्रतिदिन हजारों लोगों के बीच किया जाता है।मां काली की सुंदर मूर्ति निर्माण में समाजसेवी प्रमोद सिंह की भूमिका अहम होती है।वहीं पुजारी घनश्याम पाण्डेय ने बताया कि शारदीय नवरात्र की बुधवार को सप्तमी है। सप्तमी मां चंडिका को समर्पित है। भगवती काली का आशीर्वाद सभी को चाहिए। भगवती कहती हैं कि मैं ही पूरी सृष्टि को संचालित करती हूं। मेरे से पृथक कोई नहीं है। महिषासुर मर्दिनी, चंड-मुंड विनाशिनी और शुम्भ-निशुंभ का संहार करने वाली सप्तमी अधिष्टात्री मां काली सभी प्राणियों में अभय, जीवन और मोक्ष प्रदान करती है।

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