धूमधाम से मनी संत विनोबा भावे की जयंती,भूदान के जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों के विरुद्ध होगा आंदोलन
संतोष कुमार ।
मुख्यालय स्थित महसई मोहल्ला में संत विनोबा भावे की जयंती को मिथलेश राजवंशी की अध्यक्षता में धूमधाम से मनाया गया।इस दौरान मिथलेश चौधरी,गिरजा देवी,अशोक राम,अरुण कुमार के अलावे अन्य भूदान किसान मौजूद रहे।इस अवसर पर मिथलेश राजवंशी ने आमलोगों को सम्बोधित करते हुए संत विनोबा भावे के जीवनशैली एवं कार्यों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया।उन्होंने कहा कि आचार्य विनोबा भावे का जन्म 11 सितम्बर 1895 एवं मृत्यु 15 नवम्बर 1982 को हुई।साथ ही कहा कि वे भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा प्रसिद्ध गांधीवादी नेता थे।उनका मूल नाम विनायक नरहरि भावे था। उन्हें भारत का राष्ट्रीय अध्यापक और महात्मा गांधी का आध्यात्मिक उत्तराधिकारी समझा जाता है।साथ ही बताया कि भूदान आन्दोलन संत विनोबा भावे द्वारा वर्ष 1951 में आरम्भ किया गया,जो स्वैच्छिक भूमि सुधार आन्दोलन था।विनोबा भावे की कोशिश थी कि भूमि का पुनर्वितरण सिर्फ सरकारी कानूनों के जरिए नहीं हो,बल्कि एक आंदोलन के माध्यम से इसकी सफल कोशिश की जाए।20वीं सदी के पचासवें दशक में भूदान आंदोलन को सफल बनाने के लिए विनोबा ने गांधीवादी विचारों पर चलते हुए रचनात्मक कार्यों और ट्रस्टीशिप जैसे विचारों को प्रयोग में लाया।उन्होंने सर्वोदय समाज की स्थापना की।यह रचनात्मक कार्यकर्ताओं का अखिल भारतीय संघ था। इसका उद्देश्य अहिंसात्मक तरीके से देश में सामाजिक परिवर्तन लाना था।
भूदान के जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों के विरुद्ध करेंगे आंदोलन
संत विनोबा भावे जयंती के दौरान सभी भूदान किसानों ने यह प्रण लिया कि भूदान पर अवैध कब्जा करने वाले लोगों के विरुद्ध चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा,जबतक की वे भूदान पर जबरन कब्जे को न हटा लिया जाए।मिथलेश राजवंशी ने बताया कि झिरझो के नवकाडीह में खाता 1603/589 के प्लॉट 5941/9114,5985/9111,5984/9108 के कुल रकवा 90 एकड़ जमीन है।जिसमें वर्ष 1970 से भूदान किसानों द्वारा रसीद आदि कट रहा है।बीते कुछ दिनों से नवकडीह के कुछ लोग एवं झारखण्ड के कुछ लोगों अवैध पर्चा बनवाकर भूदान के जमीन पर अवैध कब्जा करने को आतुर है।उन्होंने बताया कि जानकी यादव की बेटी किरण देवी,सरिता देवी,बसंती देवी व पत्नी सकुन्ती देवी,महेश यादव की पत्नी मंजू देवी,तुलसी यादव की पत्नी देवंती देवी,हीरा यादव की पत्नी चांदनी देवी,गोपाल यादव की पत्नी मीना देवी,कैलू यादव,महेंद्र यादव,बालू यादव,आरती देवी,सुदामा देवी,प्रमिला देवी आदि लोगों द्वारा गलत ढंग से पर्चा बनाकर अवैध कब्जा किया जा रहा है,जिनमें कुछ लोग झारखण्ड के निवासी भी हैं।जयंती के दौरान जुड़े भूदान किसानों ने भूदान पर हो रहे अवैध कब्जे को मुक्त करने की कसम खाई है।साथ ही कहा कि इसके लिए जो भी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ेगी,वे लोग एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे।