धनार्जय नदी में फंसे स्कूल वैन को छात्रों ने जान जोखिम में डाल धकेलकर किया बाहर
संतोष कुमार ।
प्रखण्ड स्थित राज शिवलाय मंदिर के समीप निर्माणाधीन सूर्य मंदिर से डीह रजौली को जोड़ने वाले पूल का निर्माण नहीं होने से नदी पार के 35 गांव के लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।बुधवार को एक निजी विद्यालय में छुट्टी के बाद नदी पार जा रहे दर्जनों छात्र-छात्राओं से भरी एक स्कूल वैन नदी में फंस गई।स्कूल वैन में बैठे सभी बच्चे डर गए।हालांकि स्कूल वैन चालक द्वारा लाखों प्रयत्न करने के बाद भी वैन नदी से निकलने के बजाय और फंस गई।अंततः नदी में फंसे स्कूल वैन को निकालने की जिम्मेदारी स्कूली बच्चे ने उठाई और जूते-मौजे उतार कर फुलपैंट को ऊपर चढ़ाकर नदी में कूद स्कूल वैन को पीछे से धक्का देने लगे।स्कूली छात्रों के अथक प्रयास के बाद नदी में फंसी स्कूल वैन किसी तरह नदी के बाहर तो निकल गई।
किन्तु प्रत्यक्षदर्शियों के मन में कौताहल मचा हुआ था कि सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण को लोगों की परेशानियों से कोई मतलब नहीं है क्या ? और स्कूल प्रबंधन द्वारा कैसे बच्चों से भरी वैन को बीच नदी में फंसवा दिया गया ? यदि इस दौरान कोई अनहोनी हो जाती,तो उसके लिए लोग किसे जिम्मेदार ठहराते नेताओं को या स्कूल संचालक को।लोगों ने कहा कि स्थानीय सांसद डॉ. विवेक ठाकुर ने चुनाव के दौरान एवं बिहार सरकार मंत्री नितिन नबीन ने रजौली भ्रमण के दौरान रजौली वासियों से धनार्जय नदी पर एक पुल निर्माण को लेकर पक्का वादा कियें थे।जबकि इतने दिनों बीत जाने एवं कई बार समाचार पत्रों में खबरें छपने के बाद भी किसी शासन अथवा प्रशासन ने इसपर कोई ध्यान नहीं दिया।जिसके कारण 35 गांव से अधिक प्रतिदिन आने-जाने वाले लोगों का बारिश के कारण नदी में आई बाढ़ के पानी को पार करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।अब तो ग्रामीण भी पुल निर्माण कार्य की शुरुआत भगवान श्रीराम के भरोसे छोड़ दिये हैं।