आईआईएम बोधगया ने पंचायती राज संस्थानों के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के लिए मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम का किया आयोजन
विश्वनाथ आनंद ।
गया( बिहार )- आईआईएम बोधगया ने 2 सितंबर को पंचायती राज मंत्रालय के सहयोग से पांच दिवसीय आवासीय मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम (एमडीपी) की शुरुआत की जिसमें बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित सात भारतीय राज्यों से आए पंचायती राज संस्थानों के 35 निर्वाचित प्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों ने भाग लिया । इस प्रोग्राम का उद्देश्य स्थानीय नेताओं को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए ज़मीनी स्तर पर प्रभावी शासन के लिए आवश्यक कौशल से लैस करना है।इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की शुरआत आईआईएम बोधगया निदेशक डॉ. विनीता एस सहाय और पंचायती राज मंत्रालय के निदेशक (क्षमता निर्माण) श्री विपुल उज्जवल द्वारा दीप प्रज्ज्वलन समारोह के साथ हुई। श्री विपुल उज्जवल 2009 बैच, पंजाब कैडर के एक आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने पहले पंजाब सरकार के लिए सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास निदेशक के रूप में काम किया है।उपस्थित सभी को सम्बोधित करते हुए डॉ. विनीता एस. सहाय ने बताया कि युवा पीढ़ी सीखने के लिए उत्सुक है, और शिक्षकों के रूप में, यह हमारी जिम्मेदारी है कि वे आवश्यक कौशल से लैस हों।
इस दिशा में कोई संभव चूक होने का दोष भी शिक्षकों पर ही आता है, अतः उन्हें भविष्य के लिए युवाओं को कुशल बनाने के साथ ही उनकी क्षमता को बढ़ाने को भी प्राथमिकता देनी चाहिए।श्री विपुल उज्जवल ने अपने सम्बोधन में कहा कि सक्षम प्रशासन ही विकसित भारत की कुंजी है। कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति पंचायती राज संस्थानों के माध्यम से ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने में शिक्षण संस्थानों और सरकार के बीच महत्वपूर्ण सहयोग को उजागर करती हैlभारत के ग्रामीण स्वशासन का एक महत्वपूर्ण भाग, पंचायती राज संस्थाएँ (पीआरआई), 1992 में 73वें संवैधानिक संशोधन द्वारा स्थापित की गयी। इससे जुड़े अधिकारी सत्ता के विकेंद्रीकरण, स्थानीय समुदायों को स्वशासन में सक्षम बनाने एवं उनकी विशिष्ट विकास आवश्यकताओं को संबोधित करने पर जोर देते हैं। स्थानीय नेताओं को निर्णय लेने का अधिकार देकर, पीआरआई जवाबदेही बढ़ाने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करते हैं कि ग्रामीण विकास कार्यक्रम इन समुदायों के सामने आने वाली चुनौतियों के अनुरूप अधिक प्रभावी ढंग से तैयार किए जाएं।एमडीपी ने सिद्धांत-केंद्रित नेतृत्व, मिशन, विजन तथा लक्ष्य संरेखण, सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी), ग्राम पंचायत एवं ग्रामीण नवाचार जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा की। इस ज्ञान के साथ, पीआरआई सदस्य उभरती चुनौतियों से निपटने में अपने समुदायों का नेतृत्व करने के साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित होंगे कि विकास से जुड़े सभी कदम संधारणीय होने के साथ-साथ दीर्घकालिक सफलता की ओर अग्रसर हैं।आईआईएम बोधगया लीडरशिप और प्रबंधन क्षमता विकसित करने में पंचायती राज मंत्रालय का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है एवं पहले भी बिहार सरकार के विभिन्न विभागों, जैसे जल संसाधन विभाग, राज्य स्वास्थ्य सोसायटी, बिहार पुलिस अकादमी, बिपार्ड और उद्योग विभाग को इन क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करने में सक्रिय रूप से शामिल रहा है।