महिला चिकित्सक के गैंगरेप व हत्या के विरोध में शेरघाटी में निकला कैंडल मार्च

चंदन मिश्रा ।

इनरव्हील क्लब,दवाई विक्रेता संघ व चिकित्सको ने जताया विरोध।

शेरघाटी।पश्चिम बंगाल में बीते 8 अगस्त को आईजी का अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एक महिला चिकित्सा के साथ गैंगरेप के बाद हुई हत्या के मामले में जिस तरह से पूरे देश में जन आक्रोश बढ़ता जा रहा है।इस मामले में रविवार के संध्या इनर बिल क्लब एवं दवा विक्रेता संघ के बैनर तले विरोध में कैंडल मार्च निकाला कर विरोध प्रदर्शन किया।इस कार्यक्रम की शुरुआत शेरघाटी नगर परिषद कार्यालय परिसर से की गई इसके बाद मुख्य मार्ग होते हुए शहर के जेपी चौक स्थित जाकर चिकित्सकों एवं इनर बिल क्लब के सदस्य एवं दवा विक्रेता संघ के लोगों ने 2 मिनट का मौन रखकर मृतक डॉक्टर की आत्मा के लिए भगवान से प्रार्थना किया।इस अवसर पर कैंडल मार्च अगुआई कर रहे इनर व्हील क्लब के अध्यक्ष अनीता अग्रवाल सचिव रंजीता अग्रवाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना की जितना निंदा की जाए यह काम नहीं है, उन्होंने कहा कि अस्पताल में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक स्तर पर पहल होनी चाहिए वहीं जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से महिला डॉक्टर के साथ या घटना हुई है, अमानवीय है ऐसे दरिंदे को सरकार जल्द ही फांसी एवं कड़ी सजा दे।


साथ ही महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है महिला डॉक्टर कभी भी सही तरीके से ड्यूटी नहीं कर पाएगी उक्त मौके पर मौजूद चिकित्सक डॉ राजेश कुमार सिंह, डॉक्टर अमित कुमार,डॉक्टर रविंद्र अग्रवाल,डॉ रविरंजन कुमार, डॉ आशीष गुप्ता,समाजसेवी नेता निशांत सिंह उर्फ मल्लू,एवमवही दवाई विक्रेता संघ के अध्यक्ष राजीव पाठक, सुरेंद्र यादव सत्येंद्र प्रसाद गुप्ता, रवि अग्रवाल, व्हील क्लब के सदस्य पुष्पा अग्रवाल,विभा गुप्ता,पूर्व अध्यक्ष प्रियंका सिंह, पूनम गुप्ता,बीना अग्रवाल, अर्चना अग्रवाल आदि लोगों ने इस घटना के कड़ी निंदा किया उन्होंने कहा कि दोषियों को फांसी से काम की सजा कभी नहीं होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि देश में जब भी कभी किसी महिला के साथ रेप घटना हो तो आरोपी को सिर्फ और सिर्फ फांसी की सजा होनी चाहिए।
बताते चले कि बीते 9 अगस्त की रात को महिला चिकित्सक के साथ गैंगरेप के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।
हालांकि घटना के जांच सीबीआई कर रही है लेकिन देशभर में चिकित्सक जांच से अभी तक का संतुष्ट नहीं हुए।
वहीं शनिवार को देशभर में सुबह 6 से लेकर रविवार सुबह 6:00 बजे तक ओपीडी बाधित किए गए थे।
ओपीडी बंद रहने से प्राइवेट एवं सरकारी अस्पतालों में मरीज इलाज के लिए परेशान दिखाते हुए नजर आए।