बुद्धिजीवियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना बेलागंज के प्राचीन ऐतिहासिक नियामतपुर आश्रम- हिमांशु शेखर

विश्वनाथ आनंद
गया (बिहार)- गया जिला के बेलागंज प्रखंड स्थित प्राचीन ऐतिहासिक नियामतपुर आश्रम बुद्धजीवियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है . उसी कड़ी में शनिवार को चर्चित साहित्यकार व समाजिक कार्यकर्त्ता हिमांशु शेखर व पत्रकार संजय अथर्व ने ऐतिहासिक आश्रम का दौरा किया.समाजिक कार्यकर्त्ता रवि शंकर, पत्रकार प्रभात कुमार मिश्रा,सरोज शर्मा एवं कुणाल किशोर ने उन्हें आश्रम की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से अवगत कराया.महान स्वतंत्रता सेनानी एवं किसान नेता पंडित यदुनंदन शर्मा द्वारा 1933 में इस आश्रम की स्थापना किया गया था .इस आश्रम में पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेंद्र प्रसाद, स्वामी सहजानंद सरस्वती, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस और जगजीवन राम सहित सहित अनेकों बिभूतियों ने अपना योगदान दिया है.

हिमांशु शेखर ने कहा है कि स्वतंत्रता संग्राम में अपनी महत्ती भूमिका निभाने के उपरांत भी यह आश्रम उपेक्षा का दंश झेल रहा है . 1975 में पंडित यदुनंदन शर्मा के निधन के उपरांत यह आश्रम जनप्रतिनिधियों, नौकरशाह एवं आमजनों के द्वारा उपेक्षा का शिकार हो गया.इस आश्रम के कई अवशेष समाप्त हो चुके हैं, एवं आश्रम परिसर में स्थापित कमला नेहरू पुस्तकालय अपने अस्तित्व की आखिरी लड़ाई लड़ रही है .आश्रम की पवित्र भूमि का अतिक्रमण हो रहा है.उन्होंने कहा है कि सरकार को इस ऐतिहासिक आश्रम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करना चाहिए एवं पंडित यदुनंदन शर्मा की जीवनी को पाठयक्रम का हिस्सा बनाना चाहिए. उनका जीवन देशप्रेम, अनुशासन, त्याग, व समर्पण की जीवंत गाथा है.

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