बिहार के औरंगाबाद में तपिश भरी गर्मी व बढ़ते तापमान से औरंगाबादवासीयो का जीवन हुआ अस्त व्यस्त
विश्वनाथ आनंद ।
औरंगाबाद (बिहार)- बिहार के औरंगाबाद में तपिश भरी उमस गर्मी एवं लगातार बढ़ते तापमान से औरंगाबादवासीयो का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है . वहीं दूसरी तरफ पेयजल संकट भी गहराने लगा है. बताते चलें कि मंगलवार के दिन बिहार के औरंगाबाद में तापमान 40 डिग्री से लगभग 46 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. लगातार बढ़ते तापमान से लोगों को घर से निकलना दुश्वार हो गया है. वहीं पेयजल संकट गहराने से औरंगाबादवासीयो के सामने संकट मंडराने लगा है . सबसे बड़ी समस्या पशुओं के सामने है. कई स्वयंसेवी संस्थाओं से लेकर नगर परिषद ने शहर, मोहल्ले में राहगीरों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित किया है. जिससे राहगीरों को काफी राहत मिल रही है. वहीं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मीडिया से खास बातचीत के दौरान कहा कि शहर में सीमेंट फैक्ट्री का निर्माण होने से औरंगाबादवासीयो के सामने पेयजल संकट समस्या उत्पन्न हो गया है. पेयजल संकट समस्या से निजात दिलाने व सीमेंट फैक्ट्री को हटाने को लेकर बुद्धजीवियों ,समाजसेवियों एवं राजनीतिक से जुड़े लोगों ने कई बार जिला प्रशासन से गुहार भी लगा चुका है.
लेकिन ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होते रहा. आज स्थिति यह है कि औरंगाबादवासीयो के सामने पेयजल संकट समस्या उत्पन्न हो गया है. वहीं दूसरी तरफ तपिश भरी गर्मी एवं बढ़ते लगातार तापमान से जमीन से जलस्तर काफी दूर चला गया है. तथा तालाब नहर एवं नदी का पानी भी सूख चुका है. जिसके कारण जंगल के इलाकों में रहने वाला पशु ,पक्षी , पेयजल को लेकर घना इलाकों में प्रवेश करना शुरू कर दिया है. जिला प्रशासन से लेकर स्वयंसेवी संस्थाओं ने लोगों से अपील किया है कि तपिश भरी गर्मी एवं लगातार बढ़ते तापमान को देखते हुए बिना काम का सड़कों पर भ्रमण ना करें. घर से बाहर निकलने पर गमछा का प्रयोग अवश्य करें.