प्राकृतिक खेती पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण का किया गया शुभारंभ
चंद्रमोहन चौधरी ।
कृषि ज्ञान केंद्र, बिक्रमगंज में गुरुवार को प्राकृतिक खेती विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण का किया गया शुभारंभ। कृषि विज्ञान केन्द्र बिक्रमगंज में प्राकृतिक खेती विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सासाराम एवं डेहरी अनुमंडल के 30 किसानों ने भाग लिया। जिसका उद्घाटन केंद्र के वैज्ञानिकों के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। प्रशिक्षण में पहले दिन किसानों को धनगाई प्रक्षेत्र में लगे हुए प्राकृतिक खेती के प्रत्यक्षण इकाई को दिखाया गया।
उसमें हो रहे विभिन्न फसलों के की जानकारी दी गई। प्रशिक्षक मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर रमाकांत सिंह ने लोगों को घनजीवामृत, बीजामृत, पंचग्वय एवं जीवामृत के द्वारा फसलों की खेती करने के तरीके के बारे में बताया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन डॉ रतन कुमार ने किया। मत्स्य वैज्ञानिक आर के जलज के ने मृदा एवं वायुमंडल में हो रहे प्रदूषण के बारे में बताते हुए कहा कि दूषित मिट्टी के कारण अनाज, फलों एवं सब्जियों में विभिन्न तरह के रोगाणु आ जाते हैं। जिनका सेवन करने से मानव को विभिन्न प्रकार के बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इस खेती के फलस्वरुप मृदा एवं वायुमंडल प्रदूषण को भी नियंत्रित किया जा सकता है। कार्यक्रम में कृषि अभियंत्रण वैज्ञानिक डॉक्टर डेनियल कुशवाहा एवं सस्य वैज्ञानिक संजू कुमारी उपस्थित थीं।