बिगड़े यातायात व्यवस्था का शिकार हुए एसपी, जाम से निकालने के लिए अंगरक्षकों को करनी पड़ी मशक्कत
दिवाकर तिवारी
सासाराम। जिला मुख्यालय सासाराम में नासूर बनी यातायात व्यवस्था का अब जिले के आला अधिकारी भी शिकार होने लगे हैं। जिलाधिकारी से लेकर पुलिस अधीक्षक एवं अन्य वरीय अधिकारियों को भी जाम से निकलने के लिए घंटों मशक्कत करनी पड़ रही है। जिससे शहर की यातायात व्यवस्था का साफ तौर से अंदाजा लगाया जा सकता है। हाल हीं में रोहतास जिला प्रशासन द्वारा शहर की यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ रखने के उद्देश्य से ट्रैफिक डीएसपी की प्रतिनियुक्ति के साथ एक कार्यालय का भी शुभारंभ किया गया था। लेकिन इन सब के बावजूद शहर की सड़कों पर कोई बदलाव नहीं दिखाई दे रहा है। विदित है कि मैट्रिक परीक्षा के आरंभ होने से शहर में वाहनों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है तथा हजारों की संख्या में परीक्षार्थी व उनके परिजन भी आए हुए हैं। जिससे यातायात व्यवस्था में थोड़ा बहुत अंतर स्वाभाविक है। हालांकि मैट्रिक परीक्षा को लेकर जगह-जगह पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है तथा सड़कों पर बने जगह-जगह कट को भी बंद कर दिया गया है। लेकिन फिर भी जाम की समस्या जस की तस बनी हुई है। दरअसल जाम की समस्या को देखते हुए मैट्रिक परीक्षार्थी भी अपने-अपने घरों से समय से कई घंटे पूर्व हीं निकल रहे हैं तथा परीक्षा केंद्रों पर जाने के लिए उन्हें ऑटो व ई रिक्शा आदि से उतरकर पैदल भी चलना पड़ रहा है। ताकि समय से परीक्षा केंद्रों पर पहुंच सके।
इधर सोमवार को शहर के बिगड़े यातायात व्यवस्था का रोहतास एसपी विनीत कुमार भी शिकार होते दिखाई दिए। कचहरी की तरफ से जिला समाहरणालय के लिए आ रहा पुलिस अधीक्षक का वाहन पुरानी जीटी रोड पर भीषण जाम में फंस गया। जिसे निकालने के लिए एसपी के अंगरक्षकों को घंटों मशक्कत करनी पड़ी। शहरवासियों के लिए सड़क जाम में फंसना तो आम बात है लेकिन यातायात पुलिस अब जिले के आला अधिकारियों को भी सुगमता से निकालने में नाकाम साबित हो रही है। जब तक जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण एवं यातायात नियमों के सख्त अनुपालन के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाते हैं तब तक इस समस्या का स्थाई निदान नहीं किया जा सकता। सड़कों पर जगह-जगह यातायात पुलिस की प्रतिनियुक्ति भी सड़क जाम की समस्या का कतई हल नहीं है।