नोट बंदी एक सोची समझी साजिश एवं संगठित लूट थी- कॉंग्रेस .

विश्वनाथ आनंद
गया (बिहार)- आज नोट बंदी के सात साल पूरा होने पर बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, प्रद्युम्न दुबे, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, बलि बाबु , अभिषेक श्रीवास्तव, युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, मोहम्मद शमीम आलम, कॉंग्रेस सेवा दल के टिंकू गिरी, विनोद उपाध्याय, बाल्मीकि प्रसाद, श्रवण पासवान, शिव कुमार चौरसिया, आदि ने कहा कि नोट बंदी मोदी सरकार की एक सोची समझी साजिश और संगठित लूट था ,जिससे देश के किसान, मजदूर को नुकसान पहुंचा, रोजगार तबाह हुआ, तथा असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों श्रमिकों की आमदनी रुक गई.नेताओं ने कहा कि नोट बंदी से देश के 99% आम भारतीय नागरिकों को नुकसान और परेशानी हुई, सैकड़ों ने जान गंवाई ,तो दुसरी ओर मोदी सरकार के 1% मित्र पूंजीपतियों को खूब फायदा हुआ.नेताओं ने कहा कि सात साल पहले 500 एवं 1000 के नोट बंद करने के बाद 2000 ₹ का नोट शुरू किया गया था जिसे नोट बंदी के सात साल पूरा होने के चंद महीनों पहले बंद कर दिया गया.नोट बंदी काले धन पर लगाम लगाने, नकली नोट बंद करने, भ्रष्टाचार रोकने, आदि लोक लुभावन बातें कर आमजन को गुमराह करने वाली मोदी सरकार ठीक इसके विपरित काले धन पर लगाम लगाने में विफल होने के साथ, साथ कैस पद्धति में 2016 से अब तक 83% उछाल भी जग जाहिर है.नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार की नोट बंदी आम नागरिकों के जीवन मे एक गहरे ज़ख़्म की तरह है, जिसकी मरहम पट्टी आज तक वो कर रहे है, लेकिन नोट बंदी जैसे ऐतिहासिक गलती से देश की आर्थिक स्थिति खराब हुई है, अभी तक के सभी सरकारों, प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में जहां के 55 लाख करोड़ का कर्ज था, आज वो 155 करोड़ पर पहुंच गया है।नेताओं ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लोकप्रिय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़ गे, देश के आमजनों की आवाज कॉंग्रेस पार्टी के सर्वमान्य नेता राहुल गांधी, तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री, अखिल भारतीय कॉंग्रेस कमिटी के महासचिव मीडिया जयराम रमेश ने प्रमुखता से नोट बंदी को गलत बताते हुए विस्तृत रूप से इसके नुकसान की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर सवाल उठाए हैं ।

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