इस महिला आरक्षण बिल में स्पष्टता का घोर अभाव है

संजय वर्मा ।

लोकसभा और विधानसभा में 33%आरक्षण का बिल भी मोदी के अन्य वायदों की तरह महज जुमला ही है क्योंकि यह तत्काल लागू नहीं होगा परिसीमन और जनगणना के बाद 2029 के बाद लागू होगा इस महिला आरक्षण बिल में स्पष्टता का घोर अभाव है कहीं यह जिक्र नहीं किया गया कि ओबीसी या ईबीसी महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाएगा या नही दरअसल यह बिल दिग्भ्रमित करने के लिये लाया गया है कि जनमानस मणिपुर की वरवर घटनाओं को भूल जाएं देश बेरोजगारी महंगाई भ्रष्टाचार आर्थिक तंगी किसान आत्महत्या को भी भूल जाएं दरअसल इस सरकार की पुरानी आदत है लोगों की आंखों में धूल झोंकने की और वही आज भी किया गया 2029 में क्या होगा यह कौन जानता है फिलहाल 2024 का चुनाव सन्निकट है यह सरकार रहेगी या जाएगी यह कहना कठिन है पर यह सरकार नहीं रही तो 2029 की सरकार इसके फैसले को मानेगी यह कोई जरूरी तो नहीं इसलिये यह कुछ नही जुमला या आंखों में धूल झोंकने के सिबाय कुछ नहीं न राधा के नौ मन होइहें न राधा नाचिहें के अलावा कुछ नहीं मालूम पड़ता।