भ्रष्टाचार व अफसरशाही का दंश झेल रहे महादलित परिवार
मनोज कुमार ।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महत्वाकांक्षी परियोजना गंगा उद्भव योजना के तहत लगभग तीन दर्जन महादलित परिवारों को उजाड़ दिया गया।
गंगा उद्धव योजना में सरकार से मिली हुई सभी जमीन चली गई आज जीवन जीवका का संकट उत्पन्न हो गया है मालूम हो कि 1990- 91 में लगभग 75 महादलित परिवारों को बासगीत का पर्चा परवाना मिला है जिसकी मालगुजारी रसीद भी 2020 तक कटवाया गया है लेकिन मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा उद्धव योजना के तहत उन सभी जमीनों को ले लिया गया इस जमीन के प्लॉट में 75 व्यक्ति में से तीन व्यक्ति को 33 लाख रुपया जमीन का मुआवजा मिला है लेकिन 72 लोगों को जमीन का जमाबंदी रद्द कर दिया गया जिसके कारण महादलित परिवार आज बेघर हो गए हैं मुआवजे की आस में और जमीन की आस में दर-दर ठोकरे खा रहे हैं यह कितनी बड़ी विडंबना है कि जमीन पर बसे हुए बसगीत पर्चा परमाना का तीन व्यक्ति को दिया जाता है और बाकी व्यक्ति को काबिज ना होने के कारण जमाबंदी रद्द कर दिया गया है जबकि सभी लोग उसे जमीन पर खेती कर रहे हैं इस संबंध में जिला पदाधिकारी के यहां 34 बाई 2023 वाद भी दायर किया हुआ है लेकिन एक भी तारीख पर जिलाधिकारी उपस्थित नहीं हो पाए हैं जिसके कारण इस वाद का निराकरण नहीं किया जा सका है।
हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ई .नंदलाल मांझी ने इन सभी की समस्याओं को सुना और कहा कि यह भ्रष्टाचार और अफसर शाही का बेजोड़ मेल है कितनी बड़ी विडंबना की बात है की सरकार पर्चा परमान देती है बाद में जमाबंदी रद्द कर देती है गरीब गुरुओं के साथ यह क्रूर मजाक है और तो और 1994 से लेकर अब तक उसे जमीन का माल गुजरी का रसीद भी कट रहा है तो बताइए इस खाता और उसी प्लाट में तीन व्यक्ति को मुआवजा दिया जाता है और बाकी 72 आदमी का जमाबंदी रद्द कर दिया जाता है यह घोड़ा न्याय और ना ही उनकी पीड़ा को सुना जा रहा है ना जमीन का मुआवजा दिया जा रहा है ना जमीन का अन्यत्र जगह बसाया जा रहा है।
इस मौके पर पार्टी राष्ट्रीय प्रवक्ता शंकर मांझी,जिला उपाध्यक्ष रामप्रसाद मांझी,सोनू कुमार ,रामरूप मांझी,रामकीरित मांझी,नागेश्वर मांझी,रोहन मांझी , मुनरिक,मांझी सहित दर्जनों पीड़ित परिवार उपस्तिथ हुए।