सामग्री एवं सेवाओं की खरीद के लिए जेम पोर्टल का हो अधिकतम उपयोग- डिप्टी डायरेक्टर जेम पोर्टल से क्रय की प्रक्रिया सरल एवं पारदर्शी, ऑडिट आब्जेक्शन शुन्य, कैशलेस प्रक्रिया को मिलेगा बढ़ावा

दिवाकर तिवारी,

रोहतास। जेम पोर्टल पर सामग्री एवं सेवाओं के अधिप्राप्ति को लेकर जिला समाहरणालय स्थित डीआरडीए संवाद कक्ष में सोमवार को उप विकास आयुक्त शेखर आनंद की अध्यक्षता में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण के दौरान जेम पोर्टल के विषय में जेम पोर्टल के डिप्टी डायरेक्टर नीरज कुमार एवं बिजनेस फैसिलिटेटर ब्रजेश कुमार ने सभी निकासी व व्ययन पदाधिकारियों को जानकारी देते हुए बताया कि जेम पोर्टल विभिन्न सरकारी विभागों व संगठनों द्वारा वस्तुओं तथा सेवाओं की खरीद की सुविधा के लिए वर्ष 2016 मे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक ऑनलाइन कंप्लीट ऑटोमेटेड प्लेटफार्म है। जिसके माध्यम से सभी सरकारी विभाग, सरकारी क्षेत्र के उपक्रम, स्वायत्त निकाय एवं अन्य संगठन कम मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद अथवा सेवा निर्धारित अवधि मे प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि जेम पोर्टल से लगभग 71183 बायर जुड़े है तथा इसके माध्यम से अबतक 5 लाख करोड़ का ट्रांजेक्शन किया जा चुका है। इस पोर्टल से सभी नेशनल तथा प्राईवेट बैंक को भी जोड़ा गया है। जहां कांटेक्ट लेस, पेपरलेस एवं कैशलेस व्यवस्था है तथा इसमे ऑडिट ऑब्जेक्शन का कोई स्थान नही है। वहीं स्ट्रक्चर मोड़ के विषय में बताते हुए ब्रजेश कुमार ने कहा कि इसमें डीडीओ प्राईमरी यूजर एवं पीएओ सेकेंडरी यूजर होते हैं। प्राईमरी यूजर हेड ऑफ डिपार्टमेंट अथवा डिप्टी सेक्रेटरी रैंक के अधिकारी होते हैं। जो अपने आधार लिंक मोबाईल नं तथा एनआईसी बेस्ड ई-मेल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कर सकते है। जबकि सेकेन्ड्री यूजर बायर होते हैं जो ऑर्डर प्लेस करते हैं तथा कनसाईनमेंट रिसिव करते हैं। इसके साथ हीं डीडीओ पीएफएमएस के माध्यम से पेमेंट करते है तथा पीएफएमएस के माध्यम से पेमेंट नहीं करने की स्थिति में उनके द्वारा पीएओ से भी पेमेंट किया जाता है। बिजनेस फैसिलिटेटर ने जानकारी देते हुए बताया कि 25 हजार से कम मूल्य की सेवा व उत्पाद जेम पोर्टल के माध्यम से डाइरेक्ट खरीदा जा सकता है। 25 हजार से उपर और 5 लाख से नीचे की सामग्री एल 1 बीड परचेज से तथा 5 लाख से उपर की सामग्री बिड 1 पैकेट अथवा 2 पैकेट से प्राप्त की जा सकती है।
प्रशिक्षण के अंत में जेम पोर्टल के डिप्टी डायरेक्टर नीरज कुमार ने कहा कि जेम पोर्टल से क्रय की प्रक्रिया सरल एवं पारदर्शी है। जिसका अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए। ताकि ऑडिट ऑबजेक्शन से बचा जा सके और कैश लेस प्रक्रिया को बढ़ावा मिल सके। मौके पर जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी अचलाधिकारी, सभी अनुमंडल पदाधिकारी सहित जिला परिवहन पदाधिकारी एवं सभी जिलास्तरीय निकासी व व्ययन पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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