लेख्य मंजूषा की टीम ने नवादा के एकतारा में किया पुस्तकों का विमोचन
विश्वनाथ आनंद ।
लघु कथाओं का संकलन गोधूलि तथा नजरिया परत दर परत का हुआ विमोचन।
गया (बिहार )- बिहार की अग्रणी साहित्यिक संस्था लेख्य मंजूषा की टीम ने नवादा पहुंचकर लघु कथा के संरक्षक और पितामह कहे जाने वाले महान साहित्यकार डॉ सतीश राज पुष्करणा की द्वितीय पुण्य स्मृति पर्व मनाया. इस दौरान नेपाल सरकार के राजभाषा सलाहकार समिति सदस्य डॉक्टर पुष्कर राज भट्ट बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे.पटना की उद्भट साहित्यकार और संपादक डॉ विभा रानी श्रीवास्तव के नेतृत्व में करीब 20 साहित्यकारों की टीम नवादा पहुंची . प्रकृति प्रेम के लिए समर्पित लेख्य मंजूषा ने इस आयोजन के लिए नवादा के ककोलत की वादियों को चुना था.जलप्रपात बंद रहने के कारण एकतारा के पास ही कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर दो पुस्तकों का लोकार्पण भी हुआ. इनमें लघु कथा के पितामह डॉक्टर सतीश राज पुष्करणा के अंतिम समय में लिखे गए लघु कथाओं का संकलन गोधूलि भी शामिल है. जिसका संपादन प्रख्यात साहित्यकार डॉ विभा रानी श्रीवास्तव ने किया है. विभा रानी श्रीवास्तव के संपादन में ही प्रकाशित एक अन्य पुस्तक नजरिया परत दर परत का भी लोकार्पण किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे नेपाल सरकार के राजभाषा सलाहकार समिति सदस्य डॉक्टर पुष्कर राज भट्ट ने कहा कि हिंदी साहित्य के क्षेत्र में बिहार का बहुमूल्य योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि यहां कि साहित्यिक कृतियां कालजेयी साबित हुई. उन्होंने आगे कहा कि कई आंदोलनों को दिशा देने वाली बनी लघु कथा के क्षेत्र में भी बिहार के साहित्यकारों ने अपना परचम लहराया है. उन्होंने फणीश्वर नाथ रेणु , दिनकर डॉक्टर सतीश राज पुष्करणा आदि साहित्यकारों के आप जानो की चर्चा करते हुए साहित्यकारों को तथ्यपरक लेखन के लिए प्रेरित किया. नवादा कि वादियों की तारीफ करते हुए श्री राज भट्ट ने कहा कि पहली बार नवादा आया हूं ,यहां का मनोरम दृश्य अद्भुत लग रहा है. उन्होंने कहा कि ककोलत के ख्याति नेपाल तक है.डॉक्टर विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा कि जयप्रकाश नारायण की कर्मभूमि नवादा आकर गौरवान्वित महसूस कर रही हूं, साहित्य साधना करने वालों के लिए यह प्रेरणा की भूमि है. मौके पर संस्था के सचिव रवि कुमार श्रीवास्तव, साहित्यकार मधुरेश नारायण,अमृता सिंहा, नसीम अख्तर, राज कांता, प्रेम लता सिंह, राजपूत, सीमा रानी, प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, गार्गी राय, अपराजिता रंजना , स्थानीय साहित्यकार गौतम कुमार सरगम, रोशन कुमार सिंह, दीपक प्रिंस आदि सहित अन्य लोग उपस्थित थे .