बिहार में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को अध्यापक के पद पर नियुक्ति प्रक्रिया में प्राथमिकता का विरोध

विश्वनाथ आनंद ।
गया (बिहार )- बिहार में एक दैनिक अखबार में छपी खबरें दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को अध्यापक के पद पर नियुक्ति प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी. जिसका भारतीय जनता पार्टी टेकारी दक्षिणी मंडल के कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों ने घोर निंदा करते हुए बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार एवं बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री से शीघ्र शिक्षक नियुक्ति नियमावली को निरस्त करते हुए पूर्व नियमावली को लागू करने की मांग किया है . उक्त जानकारी टेकारी के भाजपा नेत्री सह टिकारी नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सिंधु जैन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहीं. उन्होंने आगे कहा कि एक दैनिक समाचार पत्र में छपे समाचार पत्र जो की अब दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी भी बिहार में बन सकेंगे अध्यापक. उक्त समाचार पत्र में छपी खबरें का भाजपा समर्थक एवं कार्यकर्ता कड़ी रूप में विरोध करता है. तथा पूर्व का जो नियमावली ही पूर्ण रूपेण लागू हो उसका वकालत करता है. उन्होंने आगे कहा कि भाजपा समर्थक बिहार सरकार की इस दोरंगी नीति व तुगलकी फरमान का कड़ा विरोध करती है. उन्होंने आगे कहा कि बिहार सरकार द्वारा इस तरह की निर्णय लेना ये बिहार के अभ्यर्थी के प्रतिभा का अपमान है. उन्होंने आगे कहा कि तत्काल प्रभाव से अविलंब वापस का मांग करती हूं . उन्होंने आगे कहा कि बिहार के अभ्यर्थी में भी पूर्ण प्रतिभा है. और बिहार के अभ्यर्थी के सम्मान में ये निर्णय बिहार सरकार को वापस लेनी चाहिए . उन्होंने आगे कहा कि बिहार सरकार निर्णय को वापस नहीं लेती है तो भाजपा समर्थक इसका पुरजोर विरोध करते हुए धरना प्रदर्शन करने पर विवश हो जाएगा . विरोध करने वालों में मंडल अध्यक्ष अनिल पासवान, महामंत्री शिवबल्लभ मिश्र, राधेश्याम शर्मा, वरीय भाजपा नेता शशि प्रियदर्शी, पूर्व नगर अध्यक्ष गणेश प्रसाद, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष व भाजपा नेत्री श्रीमती सिंधु जैन, पूर्व महिला मोर्चा अध्यक्ष श्रीमती माया सिंह, भाजपा महिला मोर्चा उपाध्यक्ष मुन्नी देवी,कोषाध्यक्ष संजय गुप्ता, उपाध्यक्ष शिवपूजन प्रसाद, मंत्री रामशरण प्रसाद, रामनिवास ठाकुर, कृष्णा सिंह, रवि शंकर उर्फ प्रिंस, लक्ष्मी देवी , सतीश ठाकुर,अर्जून सिंह, राजकुमार पासवान सहित दर्जनों भाजपा कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों का नाम शामिल है .