बिना प्राचार्य के चल रहा है एएस कालेज, नहीं हुआ इंटरमीडिएट की जांच परीक्षा

चंद्रमोहन चौधरी ।

बिक्रमगंज अनुमंडल क्षेत्र के एक मात्र अंगिभूत कालेज शहर के एएस कालेज पिछले एक माह से भी अधिक समय से बिना प्राचार्य के चल रहा है। जिसके कारण शिक्षकों छात्र-छात्राओं को भारी परेशानी हो रही है। प्राचार्य के आभाव में इंटरमीडिएट जांच परीक्षा नहीं हो सकी है। आपको बता दें कि 14 अप्रैल 2023 को महाविद्यालय प्रशासक सह प्राचार्य के रूप में पदस्थापित पीजीआरओ दिलीप कुमार के पदोन्नति के बाद से ही प्राचार्य का पद रिक्त है। ज्ञातव्य हो कि माननीय उच्च न्यायालय पटना के निर्णय के आलोक में उच्च शिक्षा निदेशक बिहार सरकार ने अक्टूबर 2022 में बिक्रमगंज के तत्कालीन पीजीआरओ दिलीप कुमार को एएस कालेज का प्रशासक नियुक्त किया और उस आलोक में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय ने अधिसूचना जारी की। अप्रैल 2023 में दिलीप कुमार की पदस्थापना राज्य सरकार ने समस्तीपुर सदर एसडीओ के पद पर कर दिया। जिलाधिकारी रोहतास ने 13 अप्रैल को दिलीप कुमार जी को विरमित कर दिया और 13 अप्रैल को ही वे महाविद्यालय के दैनिक कार्यों के निष्पादन हेतु नवनियुक्त शिक्षकों में वरीय प्रोफेसर प्रभात कुमार विभागाध्यक्ष अँग्रेजी को अधिकृत कर समस्तीपुर योगदान करने चले गए। जिलाधिकारी रोहतास ने 13 अप्रैल को ही उच्च शिक्षा निदेशक को प्रेषित पत्र में बिक्रमगंज के भूमि सुधार उप समाहर्ता अविनाश कुमार के नाम की अनुशंसा वैकल्पिक व्यवस्था के रूप प्रशासक एएस कालेज में बहाल करने के लिए अनुशंसा की। उसकी प्रति कुलसचिव वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा को भी प्रेषित किया। लेकिन सरकार और विश्विद्यालय के बीच प्रशासक नियुक्ति का मामला फंस गया, जिसके कारण कई तरह के काम बाधित हैं। इंटरमीडिएट जांच परीक्षा नहीं हो पाई जो अप्रैल में ही होना चाहिए था। उतर पुस्तिका और प्रश्न पत्र छापने के लिए कार्यादेश निर्गत नहीं किया गया, जिसके कारण नहीं हो पाई। क्योंकि यह काम भुगतान से जुड़ा हुआ है। दैनिक कार्य प्रभारी इस तरह का आदेश जारी करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। दैनिक कार्य प्रभारी सह भूमि सुधार उपसमाहर्ता अविनाश कुमार ने बताया कि इस संबंध में विश्विद्यालय, उच्च शिक्षा निदेशक यहां तक कि महामहिम राज्यपाल के कार्यालय में भी मेल और हार्ड कॉपी के माध्यम से पत्राचार किया। खुद विश्विद्यालय में जाकर माननीय कुलपति महोदय से भी मुलाकात कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया। अक्सर इस संबंध में दूरभाष से बात करते रहते हैं। हर बार यहीं कहा जा रहा है कि दो चार दिन में समस्या का हल हो जाएगा। लेकिन आज तक स्थिति यथावत है। महाविद्यालय इतिहास में यह पहली बार हुआ कि एक संवैधानिक पद डेढ़ माह से अधिक समय तक रिक्त है, जबकि वह पद एक दिन भी रिक्त नहीं रहना चाहिए। कई छात्र प्रतिदिन इसलिए लौट कर चले जाते हैं क्योंकि उनकी नौकरी संबंधी कागजातों पर हस्ताक्षर करने के लिए कोई अधिकारी महाविद्यालय में नहीं है। 1 जून 2023 से 30 जून 2023 तक ग्रीष्मावकाश के कारण सारे शिक्षक घर चले जाएंगे। इसी बीच विश्विद्यालय ने 25 मई से पार्ट 1 का परीक्षा फार्म भरने के लिए तिथि जारी कर दिया जो जून में भी चलेगा। एएस कालेज बिक्रमगंज का मामला चौक चौराहे पर चर्चा का विषय बना हुआ है । कई शिक्षक और कर्मचारी यह भी कहते हैं कि दो वरीय शिक्षकों की आपसी लड़ाई में इस कॉलेज की यह दुर्दशा हो रही है। कुर्सी की लड़ाई में महाविद्यालय का पुराना गौरव मिटने के कगार पर है। 1957 में एक किसान परिवार के स्वर्गीय नेपाल सिंह ने बड़े अरमानों के साथ इस महाविद्यालय की स्थापना की थी। एक ज़माने में यह महाविद्यालय विकास और पढ़ाई के लिए मगध और बाद में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में अग्रणी था। आज भी बिक्रमगंज अनुमंडल में एक मात्र अंगिभूत कॉलेज होने के कारण लगभग 8 से 10 हजार बच्चे नामांकन लेते हैं। यहां इन्टर से लेकर स्नातकोत्तर तक पढ़ाई होती है। अब शिक्षकों की कमी भी नहीं है। बीसीए कोर्स की पढ़ाई होती है। लेकिन इन सबके बावजूद संस्था के प्रधान के अभाव में सब कुछ अधूरा लगता है।

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