देश के समक्ष झूठ बोलकर भारत के प्रधानमंत्री के पद पर कोई कैसे आसीन हो सकता !
संजय वर्मा ।
देश के प्रधानसेवक या फिर फकीर ने अपने कई इंटरव्यू में साफ कहा है कि मैं ज्यादा पढा लिखा नहीं हूं मैने स्कूली पढ़ाई की मैंने कॉलेज का मुंह तक नही देखा दूसरी ओर चुनावी शपथ पत्र में खुद को मास्टर डिग्री ऑफ एंटायर पोलिटिकल साइंस की डिग्री होने की बात कही इस डिग्री को लेकर विपक्ष के नेताओं खासकर अरविंद केजरीवाल ने मोई पर जबरदस्त हमला बोला और चुनावी हलफनामे में दिये गए डिग्री पर काफी मुखर होकर आवाज़ बुलंद की और डिग्री को फर्जी बताया कहा मोई अनपढ़ हैं सवाल है कि मोई ने इस विवाद को खुद ही क्यों जन्म दिया जब खुद कह दिया कि पढ़ाई स्कूली शिक्षा तक हुई तो फिर ये एंटायर पोलिटिकल साइंस में मास्टर डिग्री होने का चुनावी शपथ पत्र क्यों दिया यदि सावित हो गया कि शपथ पत्र में गलत जानकारी दी तो चुनाव आयोग ही उनकी संसद सदस्यता खत्म कर देगी फिर मोई ने खुद ही आ बैल मुझे मार को निमंत्रण ही क्यों दिया अब लगभग तय हो गया कि उनकी डिग्री बिल्कुल फर्जी है तो मोई के लोग यह तर्क दे रहे कि पीएम बनने के लिये कोई डिग्री की आवश्यकता होना संविधान में नही है तो फिर वही सवाल कि मोई ज्यादा पढ़े लिखे नहीं है तो शपथ पत्र में एंटायर पोलिटिकल साइंस में एमए की फर्जी डिग्री बताने की आवश्यकता ही क्या थी देश के समक्ष झूठ बोलकर भारत के प्रधानमंत्री के पद पर कोई कैसे आसीन हो सकता है मोई जी आपने सफेद झूठ क्यों बोला क्या इससे अंतरराष्ट्रीय स्तरपर भारत की जगहंसाई नही हो रही।
नोट-लेखक राजद और जदयू के पक्षधर हैं।