कार्तिक पूर्णिमा को लेकर मां संतोषी मंदिर में धूमधाम से हुई पूजा अर्चना

संतोष कुमार ।

प्रखण्ड मुख्यालय के पुरानी बस स्टैंड एवं नीचे बाजार स्थित धनार्जय नदी में कार्तिक स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ शुक्रवार की सुबह में लगी रही।धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने का बड़ा महत्व माना जाता है। कार्तिक मास की पूर्णिमा को लोग अपनी-अपनी आस्था के अनुसार स्नान करते हैं। जैसे – कोई घर पर ही जल में गंगा जल डालकर स्नान करता है,तो कोई पवित्र नदी अथवा स्थानीय नदी में जा कर नहाता है।लेकिन इस पर्व के दिन जो इंसान गंगा नदी में स्नान करता है उसे 100 अश्वमेध यज्ञ करने के बराबर फल मिलता है।धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक मास की पूर्णिमा को पवित्र नदियों में स्नान करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।इस दौरान थाना मोड़ स्थित मां संतोषी मंदिर के अलावे अन्य मंदिरों में सैकड़ों महिला एवं पुरुष श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की।

मां संतोषी मंदिर के पुजारी श्यामसुंदर पंडित ने बताया कि प्रत्येक कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर माता की पूजा अर्चना की जाती है।इस दौरान युवतियां एवं महिलाएं सोलह सोमवार व्रत पूरा होने के बाद उद्द्यापन हेतु मां संतोषी की पूजा करती हैं।इस बार अमावां के बड़हर गांव से रूमन देवी,हिरन देवी एवं अनु देवी समेत कई महिलाएं सोलह सोमवारी व्रत के बाद उद्द्यापन पूजा करने पहुंची थी।वहीं हरदिया,चितरकोली,रमडीहा एवं डीह रजौली से आधा दर्जन श्रद्धालु मुण्डन भी करवाई है।पुजारी ने कहा कि मां संतोषी के व्रत करने के दौरान मनोकामनाएं पूर्ण होने पर श्रद्धालुओं द्वारा बड़े ही धूमधाम से पूजा कर लोगों में प्रसाद का वितरण किया जाता है।

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