भाजपा में शामिल होने के बाद आरसीपी सिंह आखिर अदृश्य क्यों हो गये ….

Sanjay verma .

भाजपा में शामिल होने के बाद आरसीपी सिंह आखिर अदृश्य क्यों हैं जदयू में नम्बर 2 की लम्बे कार्यकाल तक हैसियत रखने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के भाजपा में शामिल होते वक्त बड़ी गर्मजोशी से ढोल नगाड़े से स्वागत किया गया था उम्मीद की जा रही थीं कि भाजपा में जाने के बाद उन्हें अहम महत्वपूर्ण भूमिका सरकार संगठन में सौंपेगी पर ऐसा सोचना निर्मूल सावित हुआ न सरकार में जगह मिली और न संगठन में। सरकार में एडजस्ट करना मुश्किल था क्योंकि व लोकसभा के सदस्य थे न राज्यसभा का पर राष्ट्रीय संगठन में महासचिव बना किसी राज्य का प्रभारी बना उनके अनुभव सांगठनिक क्षमता का लाभ उठा सकती थी विगत लोकसभा चुनाव में नालन्दा से चुनाव लड़ने की सारी तैयारी धरी की धरी रह गई ऐसे में आरसीपी सिंह आखिर करेंगे क्या एक अदद कार्यकर्ता बन भाजपा की पालकी सदा के लिये धोते रहेंगे सबसे ज्यादा असहाय और ठगे हुए वो हजारों कार्यकर्ता महसूस कर रहे थे।

जिन्होंने जदयू छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे उन्हें सम्राट चौधरी ने तब संगठन में कोई जगह दिया और अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल का भी ऐसा ही मुड़ है तो आरसीपी सिंह आखिर हैं कहाँ कर क्या रहेंगे कबतक वो खामोश रहेंगे या अंदर ही अंदर कुछ रणनीति बना रहे वैसे वो खामोश बैठने वाले जीव नहीं है कुछ न कुछ तो खिचड़ी पका ही रहे होंगे वैसे अपुष्ट खबर यह भी हैं कि वो प्रशान्तं किशोर के जनसुराज के साथ जाने पर विचार मंथन अपने समर्थकों से कर रहे हैं ।

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