दिनारा का तपेश्वर सिंह बालिका उच्च विद्यालय 43 वर्षों बाद बना नशेडि‌यों का अड्डा

चंद्रमोहन ।

मूलभूत सुविधाओं के बावजूद सरकार के मनमानी के बाद हुआ विद्यालय बंद

बेटियों के लिए प्रखंड क्षेत्र का गौरव था बालिका विद्यालय

दिनारा (रोहतास) बिहार सरकार, बिहार बोर्ड के मनमानी से रोहतास जिला का एक ऐसा विद्यालय जहां पहले बच्चियों के शिक्षा दिक्षा से विद्यालय परिसर गुलजार हुआ करता था। आज 43 वर्षों बाद उसी शिक्षा मंदिर को नशेड़ियो व जुआड़ियों ने अपना रैन बसेरा बना लिया है। जिसकी अब तक कोई भी खबर तक लेने वाला नही है। ज्ञात हो कि रोहतास जिला के दिनारा प्रखंड स्थित वित्त रहित तपेश्वर सिंह बालिका उच्च विद्यालय जो 1981 में स्थापना के पश्चात बिहार सरकार से मान्यता 74525 कोड के साथ एक मात्र बालिका विद्यालय स्थापित था। जो विद्यालय बेटियों के शिक्षा के क्षेत्र में लगातार 43 वर्षों से नारी सशक्तिकरण का मिशाल कायम कर अपना भविष्य सवार रही थी। लेकिन बिहार सरकार द्वारा अचानक सत्र 2023 में इस विद्यालय की मान्यता रद्द कर दी गयी है। जिसके कारण दर्जनों गाँवों की बेटियों के सामने पठन-पाठन से जुड़ी समस्या शुरु हो गयी है।

बिहार सरकार द्वारा हुआ था बोर्ड का आवंटन.तपेश्वर सिंह बालिका विद्यालय दिनारा को सचिव, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना के ज्ञापांक – 30/244 पटना द्वारा 13.3.2011 को विद्यालय कोड 74525 आवंटित किया गया है। जे अपने भूमि भवन में अवस्थित है। यह विद्यालय बिहार सरकार, शिक्षि विभाग, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सभी मानकों को पूरा करता है। लेकिन बिहार सरकार अपनी मनमानी से इसे बंद दिया है। जिससे स्थानीय अभिभावकों, प्रबुद्ध नागरिकों और छात्राओं में रोष व्याप्त है। इस संबंध में दिनारा नगर पंचायत अध्यक्ष ने बताया कि स्वर्गीय तपेश्वर सिंह सांसद एवं सहकारिता जगत के पुरोधा के कर कमलों द्वारा इस विद्यालय को सन् 1981 में हीं नारी सशक्तिकरण के दिशा में दुरदर्शी सोच के साथ स्थापित किया गया था। आज इस विद्यालय से उत्तीर्ण अनेकों बालिका देश के कोने-कोने में लगभग सभी क्षेत्रों में विभिन्न पदों को सुशोभित कर रही है। लेकिन सरकार के मनमानी से इसे बंद कर दिया गया है। इस विद्यालय को पुनः चालू करना नितांत आवश्यक है। ताकि दिनारा प्रखंड के साथ साथ सुदूरवर्ती इलाकों के गरीब, दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा वर्ग की छात्राओं को पठन पाठन में सहूलियत हो।