गया के अनुग्रह नारायण रोड स्थित दुबे आश्रम में मनाया गया”वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 484 वी जयंती समारोह

विश्वनाथ आनंद
गया (बिहार)- गया के स्थानीय अनुग्रह नारायण रोड स्थित दुबे आश्रम में मातृभूमि के प्रति त्याग व तपस्या के प्रतीक, शौर्य तथा स्वाभिमान के पर्याय, अदभय साहस से परिपूर्ण, महान योद्धा, वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 484 वीं जयंती समारोह मनाया गया. इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने सर्वप्रथम महाराणा प्रताप के चित्र पर माल्यार्पण के पश्चात्‌ उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला .जयंती कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, दामोदर गोस्वामी, प्रद्युम्न दुबे, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, मोहम्मद शमीम आलम, शिव कुमार चौरसिया, राहुल चंद्रवंशी,रूपेश चौधरी, अशोक राम आदि ने संयुक्त रूप से कहा कि शुरवीर महाराणा प्रताप मुगलों के अतिक्रमणों के खिलाफ अनगिनत लड़ाइयाँ लड़ी थी,अकबर को उन्होंने युद्ध में तीन बार बुरी तरह हराया था.नेताओं ने कहा कि महाराणा प्रताप का भाला 81 किलो वजन का था, तथा उनके छाती का कवच 72 किलो का था, उनके भाला, कवच, ढाल, और साथ में दो तलवारों का वजन मिला कर 208 किलो था, महाराणा प्रताप का वजन 110 किलो और लंबाई 7 फिट 5 इंच थी. उन्होंने कहा कि इस बात से लोग अचंभित होते थे कि इतना वजन लेकर कैसे महाराणा प्रताप रणभूमि में लड़ते थे. आज भी उनकी गाथा यादगार के रूप में लोगों के बीच रखते हैं.