प्रथम चरण के सभी चारो सीटो पर वैश्यों ने महागठबंधन को वोट दे दिया

संजय वर्मा ।

शिवहर में आनन्द मोहन खुलेआम कह रहे वैश्यों का वोट नहीं चाहिये औरंगाबाद के भाजपा उम्मीदवार सुशील सिंह नवादा के विवेक ठाकुर जमुई के अरुण भारती गया के जीतनराम मांझी कह रहे वैश्यों ने वोट दिया इसका मतलब प्रथम चरण के सभी चारो सीटो पर वैश्यों ने महागठबंधन को वोट दे दिया एनडीए के चारो प्रत्याशियों के बोल से तो यही लगता है यदि वैश्यों ने किया तो यह शुभ संकेत है भाजपा के बंधुआ मजदूर है या गुलाम है इस मिथक को वैश्यों ने झुठला दिया तो समाज का यह ऐतिहासिक और क्रांतिकारी कदम है अच्छी बात है कि समाज ने अपनी सोंच को परिवर्तनशील बनाया यह सब अकस्मात हुआ ऐसा नही है सम्पूर्ण एनडीए ने वैश्य समाज जिसकी आवादी 22% है को टिकट वितरण में पूरी तरह से इग्नोर कर दिया जदयू ने पूरी तरह पत्ता साफ कर दिया तो भाजपा ने महज 1 सीट बेतिया से डॉ संजय जायसवाल को देकर समाज के जले पर नमक छिड़क दिया वैसे वैश्य समाज तभी आक्रोशित हो गया था जब शिवहर में रमा देवी का टिकट काट यह सीट आनन्द मोहन की पत्नी लवली आनन्द के लड़ने के लिये जदयू को दे दिया इसी तरह जदयू ने सुनील पिंटू को काटकर सीतामढी से देवेश चन्द्र ठाकुर को टिकट दे दिया।

एनडीए के दिमाग मे यही बैठा है वैश्य समाज जाएगा कहाँ उसकी मजबूरी है उसे वोट देना वैश्य समाज के वो संगठन वो नेता जो भाजपा से जुड़े है टिकट वितरण में उपेक्षा पर नपुंसक बने रहे इस बीच जिसपार्टी के बारे में समाज गलत धारणा रखती थी महागठबंधन ने वैश्यों को तीन टिकट दी राजद ने शिवहर से रितु जायसवाल तो वीआईपी से झंझारपुर से सुमन महासेठ आइपीएफ से आरा से सुदामा प्रसाद को टिकट देकर वैश्य कार्ड खेल दिया अभी मुजफ्फरपुर से कांग्रेस से बिजेंद्र चौधरी और पटनासाहिब से मनजीत आनन्द साहू को टिकट मिलने की चर्चा है इस तरह एनडीए के मुकाबले महागठबंधन ने 5 उम्मीदवार वैश्य समाज से उतारे।राष्ट्रीय वैश्य महासभा के अध्यक्ष पूर्व मंत्री राजद विधायक समीर महासेठ ने वैश्य समाज का अभिनन्दन किया बधाई दी शुभकामनाएं दी कहा कि समाज मे राजनीतिक जागृति आना बड़े बदलाव का संकेत और शुभ लक्षण है समाज ने सही समय पर सही कदम उठाया समाज का वोट कोई समाज का अहित कर उनकी भावनाओं से खेल उकसा कर लेनेवाले पार्टियों के लिये खतरे की घण्टी है वैश्य हित सर्वोपरी है इसको समाज ने बखूबी समझ लिया न डरा न धमका न बहका कर कोई उनका वोट ले सकता आवादी के अनुरूप हिस्सेदारी हर प्रकार की देनी होगी अन्यथा दमन उत्पीड़न का भय दिखा वोट लेने का जमाना गया