शाहनवाज रहमान उर्फ सल्लू खान को सदर अस्पताल की उपाधीक्षक ने किया सम्मानित

विश्वनाथ आनंद.
औरंगाबाद( बिहार)- महज कुछ पैसों के लिए जहां भाई-भाई व दोस्तों के बीच झगड़े हो जाते हैं. वहीं समाज में कुछ ऐसे लोग अभी भी हैं जो दूसरों के पैसों को अमानत समझकर उन्हें उसके असली मालिक तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं.ऐसे लोगों की बदौलत आज भी ईमानदारी ज़िंदा है. ऐसी ही ईमानदारी की एक मिसाल पेश की गई है। शहर के पठान टोली निवासी मो. शहनवाज रहमान उर्फ सल्लू ख़ान ने मंगलवार की शाम को सदर अस्पताल ने सम्मानित किया है.सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. भोला भाई सदर अस्पताल के चिकित्सक डा. अभिषेक कुमार सिंह, डा. संजय कुमार प्रशस्ति पत्र एवं मोमेंटो और गुलाब का बुके देकर सम्मानित करते हुए उपाधीक्षक ने कहा कि 15 दिन पूर्व समाजसेवी सल्लू खान ने तत्काल सदर अस्पताल पहुंचा. तबतक एंबुलेंस भी सदर अस्पताल पहुंच गया. एंबुलेंस के पहुंचते ही सल्लू मदद में लग गए. एंबुलेंस से उतारने के दौरान ही सल्लू को पता चला कि युवक की मौत हो चुकी थी.

युवक को एंबुलेस से उतारते ही सल्लू ने युवक के बैग को अमानत समझते हुए अपने पास सुरक्षित रख लिया और रात में ही युवक के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए सदर अस्पताल के उपाधीक्षक से बात की.उपाधीक्षक ने पोस्टमार्टम का इंतजाम भी करा दिया.इसके बाद सल्लू ने मृतक की पहचान और परिजनों को हादसे की सूचना देने के लिए अपने पास सुरक्षित रखे युवक का बैग खोला. बैग से 58,500 रुपये निकले.साथ ही दो स्मार्ट फोन, आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य कागजात मिले.आधार कार्ड और पैन कार्ड से युवक की पहचान कुटुंबा प्रखंड के रिसियप थाना क्षेत्र के ईटहट मंगुराही गांव निवासी संजय कुमार सिंह के पुत्र सचिन कुमार सिंह(28) के रूप में की गई.युवक की पहचान होते ही सल्लू ने हादसे की सूचना परिजनों को दी. उधर सूचना मिलते ही परिजन सदर अस्पताल के लिए चले. इधर सल्लू ने नगर थानाध्यक्ष पंकज कुमार सैनी को फोन कर सूचना दी कि युवक के बैग से 58 हजार पांच सौ रूपये मिले है, जिसे वह उनके पास अमानत के रूप में जमा कर देना चाहते थे.यह बात सुनकर थानाध्यक्ष ने कहा कि पैसे को सुरक्षित अपने पास रखें. स्वजनों के आने पर सही हकदार की पहचान कर उसी के हाथ में यह रकम वापस करा दी जाएंगी. घंटे भर में स्वजन सदर अस्पताल आ गए.इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में सल्लू ने पूरी रकम और अन्य सभी सामान स्वजनों को सुपुर्द कर अपना कर्तव्य निभाया. सल्लू की नेकी और ईमानदारी की सराहना भी की.