नदरपुर मध्य विद्यालय के टोला सेवक संजय मंडल 3 वर्षों से विद्यालय से हैं गायब

अर्जुन केशरी ।

बिहार सरकार के द्वारा अचानक टोला सेवक का दुगनी वेतन की सूचना मिलते ही टोला सेवक संजय मंडल की खुली नींद।

क्या 2 वर्षों से बंद वेतन दिला पाएंगे प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी?

गया जिला के डोभी प्रखंड अंतर्गत नदरपुर पंचायत के नदरपुर ग्राम में मध्य विद्यालय वर्षों से संचालित है। मध्य विद्यालय के प्रभारी मैडम सिया देवी कार्यरत हैं इस विद्यालय में बिहार सरकार के द्वारा नियुक्त एक टोला सेवक भी हैं जिनका नाम संजय मंडल जिसका कार्य विद्यालय में नामांकित छात्रों को शिक्षा क्षेत्र में जागरूक कर विद्यालय पहुंचने की जीमा बिहार सरकार की शिक्षा विभाग ने स्थानीय टोला सेवक को सौंप है। आज नदरपुर विद्यालय की टोला सेवक संजय मंडल 2021 से 2023 तक विद्यालय में कोई शिक्षा की भूमिका कार्य नहीं निभा रहे हैं ।गौरतलाप है कि बिहार सरकार की मनसा थी की ग्रामीण क्षेत्र में महादलित परिवार के शिक्षित व्यक्ति को स्थानीय विद्यालय के निकट गांव की ही महादलित परिवार को टोला सेवक के पद पर नियुक्त किया गया था। जिसका कार्य गरीब दलित मजदूर के बच्चों की स्थानीय सरकारी विद्यालय में शिक्षा प्रदान कर सके अफसोस कि बात है कि महादलीय टोला सेवक के नदरपुर मध्य विद्यालय के संजय मंडल को नियुक्त किया गया। संजय मंडल अपने जिम्मेदारी से 3 वर्षों से दूर भाग रहे हैं जिस कारण गरीबों के बच्चे आज विद्यालय नहीं पहुंच पा रहे हैं संख्या बहुत कम हो गई है।

विद्यालय की अपेक्षा ग्राम में ही एक सरकारी भवन में गरीब मजदूर बच्चे बच्चियों को शिक्षा देने का कार्य करनी थी आज तक सेंटर बंद है । सेंटर में ताला लटका हुआ है आज सेंटर चारागाह बनकर अपनी तस्वीर बयां कर रही है ।एक शिक्षित टोला सेवक अपने ही समाज का शिक्षा से वंचित रख रहे हैं ठेंगा दिखाने का काम कर रहे हैं। ग्रामीणों के द्वारा सूचना मिलने पर जब अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार सह अपराध नियंत्रण मंच की मीडिया प्रभारी,उप प्रभारी साथ ही मीडियागंन ने सूचना मिलने पर विद्यालय का दौरा किया तो सच्चाई से पर्दा उठा है कि 2 वर्षों से टोला सेवक संजय मंडल विद्यालय नहीं आ रहे हैं। विद्यालय में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं विद्यालय प्रभारी भी बताएं कि 2 वर्षों से संजय मंडल विद्यालय नहीं आ रहे हैं जब अचानक बिहार सरकार द्वारा टोला सेवक का वेतन दोगुनी की गई तो संजय मंडल का अचानक नींद टूट और शिक्षा विभाग के प्रखंड पदाधिकारी और विद्यालय प्रभारी पर दवा बनाने लगे यह सच्चाई है। वेतन बंद है शिक्षा विभाग के अधिकारियों से अंदरुनी संजय मंडल को 2 वर्षों से बंद वेतन देने की मसले पर बात किया जा रहा है। जिसमें प्रभारी भी मिली भगत क्योंकि पैसा की बात है विद्यालय में उपस्थित ग्रामीण और पत्रकारों ने संजय मंडल के बने हुए अटेंडेंस का हाजी वही मांगा गया तो विद्यालय प्रभारी ने खो जाने की बात कही ग्रामीणों ने पत्रकारों को समक्ष अपनी ब्यान दिया की संजय मंडल के बारे में स्पष्ट बताया कि 3 वर्षों से विद्यालय नहीं जा रहे हैं और स्थानीय भवन में सेंटर चलाई जानी थी और सेंटर में शिक्षा संबंधित उपकरण भी थे लेकिन कोई समान नहीं है । शिक्षा भवन में ताला लगा हुआ रहता है संजय मंडल शिक्षक का काम छोड़कर नेतागिरी करते हैं। सेंटर आज बना जानवरों का चारागाह बनकर अपनी तस्वीर बयां कर रही है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक जी शिक्षा सुधार की लाख वादे कर ले लेकिन शिक्षा में कोई सुधार आने की बात स्थानीय ग्रामीण शिक्षण शिक्षक का मजाक बनाए रखें इसके कारण गरीब मजदूर की बच्चों की भविष्य अंधकार मय हो गई है।

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