देश-दुनिया के कोने-कोने से प्रतिदिन भारी संख्या में सनातनी अपने पुरखों का पिंडदान करने के लिए गया धाम आ रहे

मनोज कुमार ।

गया, 29 सितंबर 2024, गया के गयाजी धाम में सनातन धर्म के लोगों का पितृपक्ष मेला चरम पर है। बीते 17 सितंबर से भगवान विष्णु की मोक्ष नगरी गयाजी में मेले की धूम है। देश-दुनिया के कोने-कोने से प्रतिदिन भारी संख्या में सनातनी अपने पुरखों का पिंडदान करने के लिए गया धाम आ रहे हैं। इस बीच सात समुंदर पार से विदेशी तीर्थयात्री भी अपने पुरखों का पिंडदान करने के लिए शनिवार की रात गया पहुंचे। विदेशी तीर्थयात्री भगवान शिव की नगरी वाराणसी होते हुए भगवान विष्णु की नगरी मोक्ष धाम गयाजी पहुंचे हैं।विदेश से कुल 12 की संख्या में तीर्थयात्री गयाजी आए हैं। सभी विदेशी तीर्थयात्री अलग-अलग अलग देश के हैं। गयाजी पहुंचने के बाद विदेशी तीर्थयात्रियों ने शनिवार की रात विष्णुपद, देवघाट और सीताकुंड परिसर का भ्रमण किया।विदेशी तीर्थयात्रियों के समूह में रूस, रसिया, उज्बेकिस्तान, नाइजेरिया, जर्मनी, धाना और अफ्रीका के लोग हैं, जो अपने पुरखों का पिंडदान करेंगे।

विदेशी श्रद्धालु का स्वागत ज़िला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम ने संवाद सदन कार्यालय में किया। डीएम ने आये सभी विदेशी श्रद्धालु से जानकारी लिया कि गयाजी में आप सभी आये, यहां का कल्चर कैसा लग रहा है। पितृपक्ष के दौरान व्यवस्थाएं कैसी लग रही है, गया जी आकर आप कैसा महसूस कर रहे हैं इत्यादि राज्य सरकार द्वारा हर वर्ष बड़ी संख्या में आने वाले पिंडदानियों के लिये व्यपक पैमाने पर तैयारी की जाती है। इसके अलावा गयाजी डैम का निर्माण करवाया है, अब तर्पण जैसे महान अनुष्ठान के लिये सालों भर पानी उपलब्ध रखने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा हर घर तक गंगाजल पेयजल के रूप में राज्य सरकार ने उपलब्ध करवाया है।
विदेशी श्रद्धालु ने बताया कि वह लगातार 3-4 वर्षो के यहां पिंडदान करने आ रहे हैं। हर वर्ष व्यवस्थाएं साल दर साल और उच्च स्तर पर बढ़ता जा रहा है। इस वर्ष भी काफी अच्छी व्यवस्था हम सभी तीर्थ यात्रियों के लिए की गई है। हर छोटी से छोटी चीजों को ध्यान में रखकर व्यवस्थाएं की गई हैं, जो काफी अच्छी चीज है। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था और सुरक्षा का भी अच्छा इंतजाम है। निर्भीक होकर कोई भी तीर्थयात्री कहीं भी आ जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम लोग पूजा के दौरान गंगाजल प्रयोग करते हैं, गया जी में गंगाजल पाकर और काफी खुशी मिली है। विदेशी यात्रियों ने और अधिक गंगाजल पैकेट की उत्सुकता जताई और उन्हें तुरंत उपलब्ध करा दिया गया। जिला पदाधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष हर तीर्थ यात्रियों के लिए उपहार स्वरूप गंगाजल पूछ के माध्यम से वितरण कराया जा रहा है।
डीएम ने बारी बारी से सभी विदेशी श्रद्धालुओं को गया जी पर आधारित कॉफी टेबल बुक, इस वर्ष पितृपक्ष मेला के अवसर पर प्रकाशित तर्पण पुस्तिका एवं गंगाजल का पैकेट उन्हें भेंट की गई।
विदित हो कि सोमवार को विदेशी श्रद्धालु देवघाट पर पूर्वजों के निमित्त कर्मकांड करेंगे। सोमवार को भगवान श्री हरि विष्णु के चरणों में नतमस्तक होंगे। इन विदेशी तीर्थयात्रियों के पूर्वजों का अर्पण तर्पण और श्राद्ध से जुड़े कर्मकांड को आचार्य लोकनाथ गौड़ कराएंगे।
आचार्य लोकनाथ गौड़ ने बताया कि सभी विदेशी श्रद्धालु गया धाम पहुंच चुके हैं। उनके पुरखों के पिंडदान और श्राद्धकर्म की तैयारी की जा रही है। सोमवार को देवघाट, विष्णुपद, अक्षयवट और सीताकुंड पिंडवेदी पर पिंडदान होगा। उन्होंने अपने पूर्वजों का पिंडदान करने की इच्छा जाहिर की थी। उसे पूरा करने के लिए आज गयाजी पहुंचे है। उन्होंने कहा कि पितृपक्ष मेला के दौरान इनके अलावा भी अलग-अलग देशों से विदेशी अपने पुरखों का पिंडदान करने गया धाम आ रहे हैं।
इस अवसर पर नोडल पदाधिकारी पितृपक्ष मेला सह वरीय उप समाहर्ता श्री रविन्द्र दिवाकर भी उपस्थित थे। उन्होंने भी विदेशी श्रद्धालुओं को पितृपक्ष मेला के अवसर पर गयाजी में स्वागत किया है।

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