दाउदनगर के माली टोला में मनाया गया महात्मा ज्योतिबा फुले का जयंती समारोह

विश्वनाथ आनंद ।
औरंगाबाद / दाऊदनगर। औरंगाबाद जिला के दाऊद नगर स्थित माली टोला महात्मा फुले नगर में ज्योतिबा फुले चेतना परिषद दाउदनगर के अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार के तत्वाधान में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया . इस दौरान सत्येंद्र कुमार ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में फैली कुरीतियों एवं पीड़ित शोषित महिलाओं को हक व अधिकार तथा शिक्षा का द्वार खोलने वाला पहला व्यक्ति थे . इसके लिए महिला समाज महात्मा ज्योतिबा फुले का ऋणी है .इसी तरह दाऊदनगर के पूर्व चेयरमैन धर्मेन्द्र कुमार ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले ही वह पहले महापुरुष थे, जिन्होंने समाज के 85% पिछड़ों-दलितों को मानवीय गरिमा के साथ जीने का रास्ता दिखाया .” दाऊदनगर के सेवानिवृत शिक्षक कृष्णा प्रसाद चंद्रवंशी ने कहा कि महात्मा फुले ने यदि पीड़ित शोषित महिलाओं के लिए शिक्षा का द्वार नहीं खोला होता तो आज शायद अंबेडकर जैसा महान विद्वान भारत को नहीं मिला होता । इसलिए सही मायने में महात्मा फुले ने अंग्रेजी शासन काल में ही आधुनिक भारतीय समाज की नींव डाल दी थी ,जिसपर बाद के दिनों में अंबेडकर,गांधी,नेहरू से लेकर भगत सिंह ने आधुनिक भारतीय राष्ट्र की परिकल्पना सामने रखी .इस श्रद्धांजलि सभा में इनके अलावा सेवा-निवृत शिक्षक-सुरेन्द्र सिंह,कृष्णा प्रसाद चंद्रवंशी,वरिष्ठ शिक्षक-अवधेश कुमार,संजय कुमार सिंह; विद्यार्थी- कृष्ण नंद किशोर ; बृजनंद किशोर,चिंटू कुमार,शुभम कुमार,निखिल कुमार,विवेक चंद्र सैनी,कुमारी सुषमा सैनी ; भूमि कुमारी,नयना कुमारी,भाकपा (माले) नगर कमिटी सदस्य- प्रो राजकमल कुमार सिंह,स्थानीय नागरिक- मुखदेव भगत,शिवकुमार भगत, ब्राम्हदेव भगत,रामसकल महतो एवं अन्य अनेक स्थानीय नागरिक मौजूद थे । सभी उपस्थित लोगों ने कार्यक्रम की शुरुआत में सबसे पहले महात्मा फुले के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किया , तत्पश्चात अनेक वक्ताओं ने अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किया। स्थानीय सप्तम वर्ग का विद्यार्थी विवेकचंद्र सैनी ने अपने वक्तव्य में सरकार से तीन मांगों से संबंधित प्रस्ताव उपस्थित लोगों के बीच रखा, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया । इन मांगों में महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती के दिन 11 अप्रैल को सरकारी छुट्टी घोषित करने,प्रत्येक सरकारी भवन के समक्ष ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले की मूर्ति लगाने तथा पाठ्य पुस्तकों में ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले की जीवनी को शामिल करने की मांगें शामिल हैं । श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता स्थानीय वरिष्ठ नागरिक श्री मुखदेव भगत ने किया, जबकि संचालन सत्येन्द्र कुमार ने किया .