भाजपा प्रत्याशी जीवन कुमार ने शिक्षकों के दिलों में नई किरण,नया भविष्य होने का अहसास कराया

संजय वर्मा ।

गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की लड़ाई अगड़ा बनाम पिछड़ा में परिणत होता दिख रहा अबतक सवर्णों के कब्जे में रही इस सीट पर भाजपा ने पहली बार अतिपिछड़ी जाति के उम्मीदवार जीवन कुमार को चुनावी जंग में उतार कर गम्भीर चुनौती पेश कर दी है महागठबंधन की ओर से जदयू के पिछले दो टर्म से चुनावी फतह कर रहे संजीव श्याम सिंह को तीसरी बार मैदान में उतारा है जबकि एनडीए या भाजपा की ओर से अपनी पार्टी के युवा नेता कुशल प्रखर वक्ता जीवन कुमार को चुनावी अखाड़े में उतारकर मुकाबले को रोचक बना दिया है जीवन आईआईटी के साथ एमटेक डिग्रीधारी हैं मतलब एमए उतीर्ण संजीव श्याम सिंह से योग्यता में काफी आगे हैं संजीव श्याम लगातार दो टर्म एमएलसी रहकर शिक्षक हित मे क्या किया किसके लिये कुछ पता नहीं इस कारण वो अलोकप्रिय हुए और क्षेत्र में बदलाव की बयार बह रही यह उल्लेखनीय है कि उनकी जीत तभी सम्भव हुई जब भाजपा उनके साथ थी वर्तमान परिस्थिति भिन्न है। भाजपा इस सीट को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ रखी है तभी तो भाजपा के कई कद्दावर नेता कैम्प कर अपने उम्मीदवार को जिताने के पूरी शिद्दत से मिहनत कर रहे भाजपा प्रत्याशी जीवन कुमार भाजपा की हरी झंडी मिलने के बाद विगत छह महीने के सघन चुनावी कैम्पेन में शिक्षकों के महानायक के तौर पर उभरे हैं शिक्षकों के दिलों में नई किरण नया भविष्य होने का अहसास कराया है भाजपा की टिकट की चाह रखनेवाले पूर्व विधान पार्षद कृष्ण कुमार सिंह का आशीर्वाद जीवन को मिलना खासा महत्व रखता है चुनाव की तारीख 31 मार्च नजदीक आने के साथ ही वोटरों की गोलबंदी भी तेजी से हो रही जदयू के संजीव श्याम सिंह को भाजपा के जीवन कुमार कड़ी टक्कर दे रहे हैं मतलब आज की तारीख में मुकाबला बराबर का दिख रहा जीत हार का अंतर बहुत कम का रहेगा दोनो के बीच दिलचस्प और कांटे का मुकाबला होने की पूरी संभावना है।