मौसम विभाग के विंड डिटेक्टर को टाइम बम समझकर घंटों दहशत में रहे ग्रामीण

संतोष कुमार ।

थाना क्षेत्र के रजौली पूर्वी पंचायत के नावाडीह गांव में बुधवार की अहले सुबह में मौसम विभाग के विंड डिटेक्टर को टाइम बम समझकर घंटो तक ग्रामीण दहशत में रहे।ग्रामीण मिथिलेश प्रसाद ने बताया कि बुधवार की सुबह घर के बाहर खेत के समीप रखे प्लास्टिक के पाइप पर एक यंत्र गिरने से काफी भयभीत हो गए।उन्होंने बताया कि एक यंत्र जिसमें एलईडी जल रहा था और वो रस्सी के सहारे तीन बैलूनों के सहारे जमीन पर गिर पड़ा।उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि यह क्या है।घर के लोगों व आसपास के लोगों को इसकी सूचना देने पर कुछ लोगों ने टाइम बम वगैरह की बातें कही।जिससे पूरे गांव में हड़कंप मच गया।वहीं ग्रामीण द्वारका प्रसाद ने बताया कि गांव में यंत्र के गिरने से भय व्याप्त हो गया।उन्होंने बताया कि बीते एक वर्ष पूर्व उत्तर-पश्चिम दिशा में रात्रि के लगभग 3 बजे जलती हुई बल्ब के सहारे कुछ यंत्र गांव के ऊपर से गुजरते भी देखा गया था।उसके बाद से आज गांव में यह दूसरी बार घटना है।हालांकि ग्रामीणों द्वारा दूरभाष के माध्यम से इसकी सूचना थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर दरबारी चौधरी को भी दी गई।थानाध्यक्ष ने उक्त यंत्र से छेड़छाड़ न करने का निर्देश दिया एवं थाना के व्हाट्सअप पर यंत्र का फोटो भेजने को कहा।साथ ही पुलिस बल को घटनास्थल पर भेजने की बात कही।वहीं पुलिस बलों ने यंत्र को जब्त कर थाने ले आई।

क्या है यंत्र-

यंत्र के डब्बे पर सर्टल पायलट सोंड मॉडल नम्बर टी-पीएस-300 के सीरियल नम्बर जीएवाई-549 लिखा था।जिसकी जांच किये जाने के बाद पता चला कि यह एक मौसम वैज्ञानिकों द्वारा छोड़ा हुआ गुब्बारा था।जिसमें अनेक यंत्र के साथ ट्रांसमीटर वगैरह लगा था।यह यंत्र मौसम के घटक जैसे आर्द्रता,दाब,तापमान,पवन वेग एवं पवन की दिशा की जानकारियां देता है।मौसम विभाग द्वारा इसे पूरे वायुमंडल से मौसम का हाल जानने के लिए प्रत्येक दिन सुबह लगभग 5:30 बजे व शाम को लगभग 4:30 बजे हाइड्रोजन व हीलियम गैस भरकर वायुमंडल में छोड़ा जाता है।जब गैस खत्म हो जाता है या बैलून नष्ट हो जाता है,तब यंत्र जमीन पर स्वतः गिर जाता है।